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भारत ने एस-400 सौदे में नहीं की अमेरिकी धमकी की परवाह

रूस से अहम एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम सौदे में भारत ने खुद को अमेरिकी प्रतिबंध झेलने के लिए भी तैयार कर लिया है। भारत नहीं चाहता कि दशकों पुराना और विश्वस्त मित्र रूस अमेरिका से बढ़ती नजदीकी के कारण पाकिस्तान और चीन के करीब हो जाए।

यही कारण है कि भारत ने पांच अरब अमेरिकी डॉलर वाले इस सौदे में अमेरिकी दबाव और धमकियों की परवाह न करते हुए शुक्रवार को इस समझौते पर मुहर लगाने का फैसला किया है।

दरअसल बीते डेढ़ दशक में यूपीए और वर्तमान मोदी सरकार के कार्यकाल में भारत की विदेश नीति में बड़ा परिवर्तन आया है। दोनों ही सरकारों ने रूस के मुकाबले अमेरिका से संबंध बेहतर बनाने को तरजीह दी।

इस कारण आतंकवाद मामले में अमेरिका का पाकिस्तान पर दबाव तो बढ़ा, मगर भारत-अमेरिका की बढ़ती निकटता के बीच पाकिस्तान और रूस एक दूसरे केकरीब आते गए।

पाकिस्तान को रूस के करीब लाने में चीन ने अहम भूमिका निभाई। जबकि इससे पहले भारत के संदर्भ में रूस जहां चीन से अपने संबंधों में संतुलन साधता रहा था, वहीं पाकिस्तान उसकी सूची में कहीं नहीं था।

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