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मेहनत-मजदूरी करने के साथ गोशाला का संचालन

गरोठ/रतलाम:. नगर के दो युवा सबके लिए मिसाल बने हुए हैं। मेहनत-मजदूरी करने के साथ दो साल से श्री गोवर्धन गोशाला का संचालन कर रहे हैं। नगर में आवारा घूमती गायों को देख उन्हें एक स्थान पर सम्मान के साथ रखने का ख्याल आया। लोगाें से कहा कि मेहनत हमारी और सहयोग आपका तो हम गोवंश काे संभाल सकते हैं।

नई आबादी क्षेत्र में पथवारिया रोड स्थित मुक्तिधाम की भूमि पर लोग अतिक्रमण कर रहे थे, उसी जमीन पर गोशाला का संचालन शुरू किया। आज 700 से ज्यादा गोवंश को पाल रहे हैं। गोशाला का संचालन करने वाले दोनों युवक मजदूरी और खेती का कार्य करते हैं। बंशीलाल ग्वाला (पप्पू) कृषि उपज मंडी गरोठ में हम्माली करता है जबकि राकेश माली (राजू माली) मजदूरी करने के साथ-साथ खेती-किसानी करता है।

गोशाला से आमजन को सीधे जोड़ने के लिए दोनों ने एक रोटी-एक रुपए का सिद्धांत अपना रखा है। इसके लिए रथ बना रखा है जिसे लेकर वे शहर में सुबह 6 से दोपहर 12 बजे तक भ्रमण के लिए निकलते हैं। इस दौरान रोटी तो प्रत्येक घर से मिलती है, लेकिन एक रुपए किसी-किसी घर से मिलता है। नगर में गोग्रास रथ चलाते और गोवंश को गोशाला ले जाते राकेश।

पप्पू ग्वाला ने बताया कि वैसे तो सालभर गोवंश गोशाला में ही रहता है। ज्यादा गोवंश होने के कारण बारिश शुरू होते ही नावली पठार में छोड़ते है। वहीं पर किसान से गायों को रखने के लिए बाड़ा किराये पर लेते हैं। इस बार भी करीब 30 हजार रुपए दिए है। जहां 4 से 5 मजदूर गोवंश को चराने के लिए जंगल ले जाते हैं अाैर फिर लाकर बाड़े में रखते हैं। जो गोबर निकलता है वह भी बाड़े वाले का होता है। बारिश खत्म होने के बाद दीपावली के पहले गोवंश काे फिर से गोशाला लाते हैं।

गोशाला संचालन के लिए नगर की जनता पूरा सहयोग करती है तो हमारी मेहनत सफल हो जाती है। वैसे भी मंडी में हम्माली व साथी मजदूरी करने के बाद फ्री रहते हैं। गोशाला संचालन के लिए प्रशासन से किसी प्रकार का सहयोग नहीं मिलता। बंशीलाल ग्वाला, श्री गोवर्धन गोशाला पथवारिया रोड, गरोठ |

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