- अभिमत

देश में अन्धकार, आप दीया बन जाओ !

प्रतिदिन

आज दीपोत्सव है | अमावस्या के गहन अंधकार में सूरज के पर्याय बने माटी के एक छोटे से दीये का नये  सूरज के आने का विश्वास और संघर्ष का संदेश का दिन  |  देश में उजाले की जरूरत है, प्रदेश में उजाले की जरूरत है, हर घर और हर मन को उजाले की जरूरत है | हर भारतीय को बुद्ध के संदेश को ध्येय वाक्य बनाना चाहिए “ आप्पो दीपो भव|” जब हम खुद दीप बनकर प्रकाश करने और तम को हारने का संकल्प लेंगे तब ही मन से लेकर विश्व को ज्योतिर्मय कर सकेंगे | खुद को दीप, परिश्रम को बाती बनाकर उसमें निष्ठा का घृत भरने  का संकल्प ही सब जगमग कर सकता | सूरज के प्रकाश की तुलना में सारे जग को रोशन करने वाले दीयों  की जरूरत है, विशेष रूप में  अपने भारत में |
देश में अंधकार बढ़ रहा है | संविधान में वर्णित संस्थाएं कुप्रबन्धन के कारण कराह रही है | कार्यपालिका, न्यायपालिका और विधायिका राजनीति के चलते विवश दिखाई दे रही है | कार्यपालिका राजनीतिक संप्रभुओं के  सामने घुटने टेक राष्ट्र हित की अनदेखी को अपना कर्तव्य मान बैठी है | न्यायपालिका के निर्णयों पर अध्यादेश भारी हैं | विधायिका की रूचि समान कानून बनाने के स्थान पर तुष्टिकरण में है | कभी इसका तो कभी उसका | दीप स्तम्भ की तरह रोशन होने का दम भरने वाले  मीडिया की रोशनी बाजारवाद के अँधेरे को चीरने में असमर्थ दिख रही है |  देश की साख और धाक पर बट्टा लग रहा है | सरकार की भूमिका वादों, जुमलों के मुलम्मे से  सनी है | प्रतिपक्ष का दामन भी साफ़ नहीं है |
राज्यों की सरकारें दीपशिखा बन सकती हैं | उनके मुखिया मशाल बनने की जगह खद्योत बने हुए है | देश में प्रजातंत्र की चमक खोने जा रही है | खद्योत मुख्यमंत्रियों से प्रकाश की उम्मीद व्यर्थ है, वैसे भी उनकी चमक तो सिर्फ अँधेरे में ही दिखती है | इस सब से बाहर आना होगा, सर्वे भवन्तु सुखिनःकी शुरुआत  खुद से करना होगा | दीये की तरह जलना होगा | मेरे त्याग से जग प्रकाशित हो इसका संकल्प लेना होगा |
दीये  ने हमेशा तम को हरा है | हौसला हमेशा जीतता रहा है | सूरज का पर्याय नन्हा दीया भी सूरज की तरह १२ घंटे प्रकाश देकर सूरज की अगवानी करता है | हमें इस बार पहला दीपक खुद के प्रकाश के निमित्त अर्पण करना चाहिए | जब खुद के मन का अंधकार हटेगा तो देश का अँधेरा दिखेगा | रात गहरी है, लम्बी है, पर ऐसी  नहीं है दीये को जलने से रोक सके  | कीजिये प्रकाश की शरुआत आज दीपोत्सव है | आपका संकल्प ही इस तिमिर से आजादी दिलाएगा |
इसी आशा और विश्वास के साथ दीपोत्सव की बधाई !

श्री राकेश दुबे (वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार)
संपर्क  9425022703        
rakeshdubeyrsa@gmail.com

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