नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने जुलाई 2019 से एक देश-एक लाइसेंस थीम वाले ड्राइविंग लाइसेंस के लिए ड्राफ्ट अधिसूचना जारी कर दी है। इस कार्ड में चालक की सूचनाएं सामने की तरफ,पीछे और चिप में भी सेव होंगी। इसमें ब्लड ग्रुप, अंग दाता है या नहीं और लाइसेंस वैधता की सूचना लाइसेंस के सामने वाले हिस्से में ही प्रिंट होगी।
मौजूद फॉर्मेट में लाइसेंस पर इश्यू करने वाले राज्य के विभाग का नाम लिखा होता है। इसकी वजह से किसी दूसरे देश या प्रदेश में चालक की पहचान मुश्किल होती है। हालांकि, विदेशों में वाहन चलाने के लिए इंटरनेशनल लाइसेंस बनवाना पड़ेगा। ड्राइविंग लाइसेंस के पिछले हिस्से में चिप लगी होगी जिसका एक यूनिक नंबर होगा। हर कार्ड का भी एक यूनिक नंबर होगा।
चालक की विशेष तरह के वाहन चलाने की योग्यता (खतरनाक वाहन या पहाड़ी क्षेत्र में) है तो वह भी लाइसेंस पर अंकित होगी। क्यूआर कोड भी इसी हिस्से में होगा जिसे ट्रैफिक पुलिस या एनफोर्समेंट एजेंसी स्कैन करके चालक की सभी सूचनाएं जान जाएंगी।
यात्री वाहन चलाने के लिए बैज लिया हुआ है तो वह भी लाइसेंस में ही लिखा होगा। आपात स्थिति में संपर्क नंबर भी लाइसेंस पर होगा। चूंकि, सभी जानकारियां कार्ड में सेव होंगी और अथॉरिटी इसे वक्त-वक्त पर स्कैन कर सकेंगी ऐसे में बार-बार नियम तोड़ने वाले आसानी से पकड़े जाएंगे।
परिवहन एक्सपर्ट का कहना है कि बदलाव अच्छा है, लेकिन अगर ड्राइविंग लाइसेंस पर पता प्रिंट करने के बजाय उसे चिप में ही फीड कर दें तो बेहतर होगा। परिवहन विभाग में करीब 40% लोग सिर्फ पता बदलवाने ही आते हैं। जबकि ड्राइविंग लाइसेंस पते के प्रमाण के लिए मान्य नहीं होता है।