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इसरो ने संचार उपग्रह जीसैट-29 का सफल प्रक्षेपण किया

श्रीहरिकोटा: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने बुधवार को गाजा तूफान के खतरे की आशंका के बावजूद आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से संचार उपग्रह जीसैट-29 का सफल प्रक्षेपण किया। 3,423 किलोग्राम के इस उपग्रह को इसरो के सबसे ताकतवर रॉकेट जीएसएलवी-एमके3-डी2 के जरिए श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया। जीसैट-29 शाम 5:08 बजे लॉन्च किया गया। यह श्रीहरिकोटा से लॉन्च हुआ 67वां और भारत का 33वां संचार सैटेलाइट है।

इसरो के जीसैट-29 की लॉन्चिंग भारत के लिए काफी अहम मानी जा रही है। इससे जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर के दूर-दराज के इलाकों में इंटरनेट पहुंचाने में मदद मिलेगी। उपग्रह में यूनिक किस्म का हाई रिजॉल्यूशन कैमरा लगा है। इसे जियो आई नाम दिया गया है। इससे हिंद महासागर में जहाजों पर भी निगरानी की जा सकेगी।

इसरो ने अंतरिक्ष के लिए मानवयुक्त मिशन को हासिल करने के लिए 2021 का लक्ष्य रखा है। वहीं, गगनयान के तहत दिसंबर 2020 तक मानव रहित मिशन शुरू करने की भी योजना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर ऐलान किया था, भारत गगनयान के जरिए 2022 तक मानव को अंतरिक्ष में भेजने की कोशिश करेगा। अभियान के सफल होते ही भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा। इसरो प्रमुख के सिवन ने बताया, मिशन टीम सही रास्ते पर बढ़ रही है और काम चल रहा है।

जीएसएलवी 641 टन वजनी रॉकेट है। इसका वजन यात्रियों से भरे पांच विमानों के बराबर है। यह 43 मीटर ऊंचा है, यानी 13 मंजिला इमारत के बराबर। यह 15 साल में तैयार हुआ है। इससे होने वाली हर लॉन्चिंग की लागत 300 करोड़ रुपए आती है। 2019 में लॉन्च होने वाले चंद्रयान-2 और 2022 से पहले भेजे जाने वाले गगनयान में इसी रॉकेट का इस्तेमाल होगा।

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