बिहार: मुज़फ्फरपुर बालिका गृह मामले पर दायर एक याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 30 अक्टूबर को जब तत्कालीन समाज कल्याण मंत्री की भूमिका पर सवाल उठाए तो बिहार सरकार ने कोर्ट को दिए हलफनामे में मंजू वर्मा को लेकर जवाब दिया की
“बिहार सरकार की पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा भूमिगत हैं| पुलिस उन्हें लगातार पकड़ने का प्रयास कर रही है| मगर फिर भी अभी तक उनका कोई पता नहीं लग पाया है.”
याचिका की सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने बिहार सरकार के इस जवाब पर हैरानी जताई और कहा कि बड़ी ही अजीब बात है कि सरकार को अपनी ही पूर्व मंत्री का पता नहीं चल पा रहा है|
कोर्ट ने यहां तक कह दिया कि ऑल इज नॉट वेल इन बिहार, इस बीच जेडीयू ने मंजू वर्मा को पार्टी से निष्कासित भी कर दिया|
अब मामले की अगली सुनवाई 27 नवंबर को होनी है और सर्वोच्च न्यायालय ने ये आदेश दिया है कि यदि मंजू वर्मा 27 नवंबर के पहले गिरफ्तार नहीं होती हैं तो बिहार के डीजीपी केएस द्विवेदी खुद कोर्ट में पेश होकर इसका स्पष्टीकरण दें|