बिहार: शेल्टर होम मामले पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने नीतीश सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि पूरे मामले में राज्य का रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण, अमानवीय और लापरवाह है. सुप्रीम कोर्ट ने अदालत में मौजूद मुख्य सचिव से पूछा कि अगर अपराध हुआ था तो आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 377 और पॉक्सो एक्ट के तहत अभी तक मामला दर्ज क्यों नहीं किया गया. सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले पर बुधवार दो बजे सुनवाई करेगा.
कोर्ट ने कहा आप लोग (बिहार सरकार) कर क्या रहे हैं? यह शर्मनाक है. किसी बच्चे के साथ कुकर्म होता है और आप कुछ नहीं कहते? आप ऐसा कैसे कर सकते हैं? यह अमानवीय है. हमें बताया गया था कि इस मामले को गंभीरता से देखा जाएगा, क्या यह गंभीरता है? हम जब भी इस मामले की फाइल पढ़ते हैं, दुख होता है. हर मामले की जांच क्यों नहीं हो रही है? पीड़ित बच्चे क्या इस देश के नागरिक नहीं हैं?
कोर्ट ने कहा अगर हमें मालूम चला कि रिपोर्ट में धारा 377 या पॉक्सो एक्ट के तहत कोई अपराध है और आपने एफआईआर दर्ज नहीं की, तो हम सरकार के खिलाफ कार्रवाई करेंगे|
बिहार के चीफ सेक्रेटरी पर नाराजगी जाहिर करते हुए कोर्ट ने कहा कि आप अपने कृत्य को जस्टिफाई करें. कोर्ट ने मुख्य सचिव से कल कोर्ट में मौजूद रहने का आदेश दिया है. इसके अलावा बिहार सरकार को 24 घंटे में एफआईआर में बदलाव करने के लिए कहा गया है|