New Delhi: अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत को बड़ी कूटनीतिक कामयाबी मिली है। वर्ष 2022 में भारत दुनिया के 20 ताकतवर देशों के समूह G-20 के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। उसी वर्ष भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने वाले हैं। वर्ष 2022 में इटली को G-20 सम्मेलन की मेजबानी करनी थी। लेकिन भारत से राजनयिक वार्ता के बाद इटली अपना दावा छोड़ने को तैयार हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, ‘मैंने इटली से गुजारिश की थी कि वह 2021 में इस सम्मेलन की मेजबानी करे, ताकि 2022 का मौका भारत को मिले। इटली समेत दूसरे देश भी इसपर राजी हो गए।
आर्थिक और कूटनीतिक मामलों के लिए जी-20 अहम संस्था है। यह विश्व की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों का एक संगठन है। इसके सदस्यों में अर्जेंटीना, आस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, ब्रिटेन और अमेरिका हैं।
G- 20 देशों की अर्थव्यवस्था का सकल वैश्विक उत्पाद में 90 फीसद और विश्व व्यापार में 80 फीसद हिस्सेदारी है। दुनिया की दो तिहाई आबादी G-20 देशों में रहती है। दुनिया के जमीनी क्षेत्र का करीब 50 फीसद जी-20 देशों में है। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को इसकी मेजबानी मिलने के बाद इसके लिए इटली का आभार जताया और G-20 समूह के नेताओं को 2022 में भारत आने का न्योता दिया। मोदी ने कहा, मैं आभारी हूं और 2022 में दुनिया भर के नेतृत्व को भारत आने के लिए आमंत्रित करता हूं।