नई दिल्ली: छह साल पहले जब टीम इंडिया के दिग्गज बल्लेबाज राहुल द्रविड़ ने क्रिकेट से अपने संन्यास की घोषणा तो जानकार हैरान थे। भारतीय खेल प्रशंसकों को चिंता थी कि अब कौन राहुल द्रविड़ की जगह ले पाएगा। भारत में ऐसा कौन सा बल्लेबाज है, जो टेस्ट क्रिकेट में नंबर 3 की भूमिका में आकर द्रविड़ की कमी को पूरा कर सके।
इस बीच सौराष्ट्र के खिलाड़ी चेतेश्वर पुजारा भारतीय टीम में अपनी जगह तलाश रहे थे। पुजारा ने जल्दी ही इस मौके को भुना लिया और उन्होंने टीम इंडिया के नए भरोसेमंद बल्लेबाज के रूप में अपनी पहचान बना ली। अगर उन्हें ‘द वॉल 2.0’ कहा जाए, तो यह गलत नहीं होगा।
एडिलेड में पुजारा ने एक बार फिर अपने साहस का परिचय दिया। गुरुवार से 4 टेस्ट मैचों की सीरीज खेलने उतरी टीम इंडिया पहले टेस्ट मैच के पहले ही दिन संकट में घिर गई। इस टेस्ट की पहली पारी में टीम इंडिया 127 रन जोड़ते-जोड़ते अपने 6 बल्लेबाजों के विकेट गंवा चुकी थी। लेकिन पुजारा अपने शांत स्वभाव से धैर्यपूर्ण खेल खेल रहे थे। उन्होंने अंत में भारत के पुछल्ले बल्लेबाजों के साथ मिलकर भारत के खाते में उपयोगी रन जोड़ने का काम बखूबी किया।
पुजारा ने साहस का परिचय देते हुए अपने टेस्ट करियर का 16वां शतक जड़ा और टेस्ट क्रिकेट में अपने 5000 रन का आंकड़ा भी छू लिया। उनके खेलने का स्वभाव बिल्कुल राहुल द्रविड़ की तरह है। वह क्रीज पर शांतचित रहते हैं और अपने सॉलिड डिफेंस से विरोधी टीम के अटैक की धार कुंद करते हैं। इसके बाद जब पुजारा बॉल पर अपनी नजरें गढ़ा लेते हैं, तो फिर वे रनों का अंबार खड़ा कर देते हैं।
राहुल द्रविड़ के साथ उनकी जुगलबंदी कुछ ऐसी है कि उन्होंने अपने 3 हजार, 4 हजार और 5 हजार रन का आंकड़ा उतनी ही पारियों में पूरा किया, जितनी की उनके आदर्श राहुल द्रविड़ ने। द्रविड़ ने अपने 3000 टेस्ट रन 67 पारियों में पूरे किए थे, तो पुजारा ने भी इतनी ही पारियों में यह आंकड़ा छुआ।
पुजारा 50.28 की औसत से रन बना रहे हैं और अब तक उनके नाम 3 दोहरे शतक हैं। वहीं राहुल द्रविड़ की बात करें, तो उन्होंने 164 टेस्च की 286 पारियों में 52.31 की औसत से 13288 रन बनाए। द्रविड़ ने अपने करियर में कुल 36 शतक बनाए, जिनमें 5 दोहरे शतक भी शामिल थे।