छत्तीसगढ़/रायपुर: भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री होंगे। रायपुर में रविवार को हुई विधायक दल की बैठक में उन्हें नेता चुना गया। इसके बाद केंद्रीय पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे ने बताया कि सोमवार को बघेल अकेले शपथ लेंगे। खड़गे ने कहा कि कल यानी सोमवार 17 दिसंबर को भूपेश बघेल रायपुर के साईंस कॉलेज मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। खड़गे ने कहा कि कोई नेता बड़ा या छोटा नहीं होता, सभी बराबर होते हैं।
मंत्रियों पर फैसला बाद में होगा। नाम का ऐलान होने के बाद बघेल ने मीडिया से कहा- झीरम घाटी कांड आपराधिक साजिश थी। इसकी जांच के लिए समिति बनाई जाएगी। राज्यपाल से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि शपथ ग्रहण समारोह में राहुल गांधी और अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ ही कई राष्ट्रीय नेताओं के पहुंचने की उम्मीद है।
25 मई 2013 को हुए झीरम घाटी हमले में कांग्रेस नेता नंद कुमार पटेल, महेंद्र कर्मा, विद्या चरण शुक्ल और उदय मुदलियार समेत 28 लोगों की मौत हो गई थी। बघेल ने यह भी कहा कि पहली कैबिनेट में किसानों की कर्जमाफी होगी। बिजली का बिल आधा करने पर फैसला होगा।
विधायक दल की बैठक के बाद खड़गे ने कहा कि दो दिन पहले सभी विधायकों ने राहुल गांधी के निर्णय को ही मानने पर सहमति व्यक्त की थी। सभी नेताओं ने पार्टी के लिए काम किया था। इसलिए किसी एक को चुनने का फैसला मुश्किल था। हमें इस बात का विश्वास है कि बघेल सभी को साथ लेकर चलेंगे।
बघेल ने कहा कि राज्य में किसान, नौजवान, महिलाएं, युवा और छोटे व्यापारियों पर फोकस रहेगा। उन्होंने कहा कि राहुल जी ने किसानों से कर्जमाफी का जो वादा किया है वह भी सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा- नक्सलवाद की समस्या बेहद गंभीर है। कोई भी इसका तत्काल निदान नहीं कर सकता। उनकी पकड़ बेहद मजबूत है। नक्सल प्रभावित इलाकों में अगर लोगों का सहयोग मिले तो हम उन्हें खत्म करने की कोशिश में कामयाब हो सकता हैं।
शनिवार को दिल्ली में दूसरी बार नेताओं को बैठक के बाद शाम को राहुल गांधी ने भूपेश बघेल, टीएस सिंहदेव, चरणदास महंत और ताम्रध्वज साहू के साथ फोटो ट्वीट की. अमेरिकी आंत्रप्रेन्योर रेड हॉफमैन के शब्दों में राहुल ने कहा- इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपका दिमाग कितना तेज है या आपकी रणनीति कितनी शानदार है. अगर आप अकेले खेल रहे हैं तो टीम के सामने आप हमेशा हारेंगे.
भूपेश बघेल का जन्म 23 अगस्त 1961 को दुर्ग जिले के पाटन तहसील में हुआ था. वे कुर्मी समाज से आते हैं और इस समाज में उनका अच्छा खासा जनाधार है. भूपेश बघेल के राजनीतिक जीवन की बात करें तो वे साल 1985 में यूथ कांग्रेस ज्वॉइन की थी. 1993 में जब मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए, तो पहली बार पाटन विधानसभा से विधायक चुने गए. उन्होंने बीएसपी के केजूराम वर्मा को करीब 3000 वोट से मात दी थी. इसके बाद अगला चुनाव भी वे पाटन से ही जीते. उन्होंने बीजेपी की निरुपमा चंद्राकर को 3700 वोटों से हराया.