मुजफ्फरपुरः मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा बिहार-यूपी के युवाओं को लेकर दिए गए बयान के बाद वह चौतरफा फंस चुके हैं. जहां एक ओर उनकी पार्टी के लोग इस बयान पर बोलने से बच रहे हैं. वहीं, अब उनके खिलाफ बिहार की एक अदालत में बुधवार को परिवाद पत्र दाखिल किया गया है.
मध्यप्रदेश में ना कोई इधर का हैं, ना कोई उधर का हैं। मध्यप्रदेश में जो भी आता हैं, यहाँ का हो कर ही बस जाता हैं। प्रदेश को हिंदुस्तान का दिल ऐसे ही नहीं कहते! क्यों ठीक कहा ना?
— ShivrajSingh Chouhan (@ChouhanShivraj) December 19, 2018
सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी ने मुजफ्फरपुर के सीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया है। तमन्ना हाशमी ने आरोप पत्र में लिखा है कि कमलनाथ का ये बयान देश तोड़ने वाला है। उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। तमन्ना ने कहा कि एमपी के मुख्यमंत्री ने बयान देकर बिहार और उत्तरप्रदेश के लोगों का अपमान किया है और युवाओं की प्रतिभा पर सवाल उठाया है।
कमलनाथ ने मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद कहा था कि उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग यहां आकर नौकरी करते हैं। स्थानीय लोगों को काम नहीं मिलता है। हमारी रोजगारपरक योजना का लाभ उन्हीं कंपनियों को मिलेगा जो 70 फीसदी स्थानीय लोगों को जॉब देंगी। कमलनाथ के इस बयान के बाद उनकी चौतरफा निंदा हो रही है।