श्योपुर: एशियाई शेरों की बसाहट के लिए 2003 से तैयार कूनो सेंक्चुरी अब नेशनल पार्क बनने जा रहा है। मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में हुई वन विभाग के अधिकारियों की बैठक में कूनो को नेशनल पार्क बनाने का फैसला लिया गया है। राज्य सरकार जल्द ही नोटिफिकेशन जारी करेगी।
इसके साथ ही गुजरात के गिर अभयारण्य से बब्बर शेरों की शिफ्टिंग को लेकर शीघ्र केंद्र सरकार से चर्चा की जाएगी इसके बाद एम्पाॅवर कमेटी कूनो का दौरा करने आएगी। कूनो को नेशनल पार्क बनाने के लिए इसमें शिवपुरी को जोड़कर 413 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल बढ़ाया गया है। इसके लिए शिवपुरी जिले के सोन चिरैया अभयारण्य को डिनोटिफाइड करने की कार्यवाही शुरू होगी। कूनो पालपुर वन्यजीव अभयारण्य को नेशनल पार्क का दर्जा मिलने पर श्योपुर जिला विश्व पर्यटन नक्शे पर आने के साथ ही पर्यटन एवं रोजगार से जिले के विकास को पंख लगेंगे।
एशियाई शेर देने के लिए गुजरात सरकार ने कूनो का क्षेत्रफल बढ़ाने और इसे नेशनल पार्क का दर्जा देने की शर्त रखी थी। एशियाई शेरों को कूनो अभ्यारण्य में बसाने की योजना पर वर्ष 1993 से काम चल रहा है। करीब 900 करोड़ की इस परियोजना के तहत 24 गांव का विस्थापन किया जा चुका है। लेकिन गुजरात सरकार खामियां बताकर शेरों को देने में अड़ंगेबाजी लगाती आ रही है। जनवरी 2017 में एम्पावर कमेटी सशक्त कमेटी ने कूनो का निरीक्षण कर इसे शेरों के पर्यावास के लिए अनुकूल पाते हुए इसका क्षेत्रफल बढ़ाने का सुझाव दिया था।
कूनो को नेशनल पार्क का दर्जा मिलने के साथ ही सवाई माधोपुर स्थित रणथंभौर टाइगर रिजर्व नेशनल पार्क और शिवपुरी नेशनल पार्क को मिलाकर कॉरिडोर बनाने की योजना है। अभी टाइगर देखने के लिए दुनियाभर से पर्यटक सवाई माधोपुर आते हैं। वर्तमान में सवाई माधोपुर का पर्यटन उद्योग सालाना डेढ़ हजार करोड़ रुपए है। यहां पाए जाने वाले बाघ देश के 50 से ज्यादा सेंक्चुरी में है। जबकि एशियाई शेर गिर अभयारण्य के बाद सिर्फ कूनो सेंक्चुरी में ही देखे जा सकेंगे।