भोपाल: हर माह की पहली तारीख को मंत्रालय के सामने स्थित पार्क में होने वाले राष्ट्रगीत वंदेमातरम गायन को कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने बंद कर दिया। एक जनवरी यानी मंगलवार को इसका गायन होना था, लेकिन न तो बैंड वालों को सूचना दी गई और न ही कर्मचारियों कहा गया।
जबकि सामान्य प्रशासन विभाग एक सप्ताह पहले ही इसकी रूपरेखा तय करने के साथ वंदेमातरम गायन के लिए मुख्य अतिथि भी निर्धारित करता था। कांग्रेस सरकार के इस कदम ने एकाएक सियासत गरमा दी। भाजपा ने तुरंत हमला बोलते हुए कहा कि क्या अब भारत माता की जय बोलने पर भी रोका जाएगा।
यहां बता दें कि एक जुलाई 2005 को तत्कालीन मुख्यमंत्री रहे बाबूलाल गौर ने इसकी शुरुआत की थी। तब से लेकर यह लगातार चल रहा था। इसे बंद करने पर पूर्व मुख्यमंत्री गौर ने कहा कि इस बारे में वे मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव से बात करेंगे। यह करना सही नहीं है।
कांग्रेस सरकार सभी स्कूलों व शिक्षण संस्थाओं में राष्ट्रगान ‘जन-गण-मन’ को अनिवार्य करने की तैयारी कर रही है। राज्य सरकार जल्द ही इस पर निर्णय लेकर लोकसभा चुनाव से पहले इसे लागू करेगी। गौरतलब है कि देश भर के मल्टी फ्लेक्स व सिनेमा घरों में इसे अनिवार्य किया गया है।
“माह की पहली तारीख को वंदे मातरम् की अनिवार्यता को फिलहाल अभी बंद करने का निर्णय लिया गया है। यह निर्णय किसी एजेंडे के तहत नहीं लिया गया है, और न ही हमारा वंदे मातरम् गीत को लेकर कोई विरोध है। यह हमारे दिल की गहराइयों में बसा है। हम भी समय-समय पर इसका गान करते हैं। इसे वापस प्रारंभ करेंगे, लेकिन एक अलग रूप में। उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ एक दिन वंदे मातरम् गाने से किसी की देशभक्ति या राष्ट्रीयता परिलक्षित नहीं होती है। देशभक्ति व राष्ट्रीयता को सिर्फ एक दिन वंदे मातरम् गान से जोड़ना गलत है। जो लोग वंदे मातरम् गायन नहीं करते है, तो क्या वे देशभक्त नहीं है?” -कमलनाथ, मुख्यमंत्री
मैं और @BJP4MP के समस्त विधायक विधानसभा सत्र के पहले दिन 7 जनवरी, 2019 को प्रातः 10:00 बजे वल्लभ भवन के प्रांगण में वंदे मातरम् का गान करेंगे। इस मुहिम से जुड़ने हेतु आप सभी का स्वागत है। https://t.co/5h6W16NJSZ
— ShivrajSingh Chouhan (@ChouhanShivraj) January 2, 2019