नई दिल्ली: देश में हथियारों का निर्माण करने वाली सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड भीषण आर्थिक संकट से गुजर रही है। बीते कुछ सालों में यह पहला मौका है, जब कंपनी को अपने एंप्लॉयीज की सैलरी चुकाने के लिए भी उधार लेना पड़ रहा है। कंपनी ने वेतन भत्तों के भुगतान के लिए तकरीबन 1,000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। यही नहीं अप्रैल से कंपनी में काम एक तरह से ठप पड़ा है क्योंकि उसके पास नई खरीद करने या फिर वेंडर्स को चुकाने के लिए पर्याप्त राशि नहीं है।
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड फिलहाल ओवरड्राफ्ट पर ही काम कर रही है। कंपनी के संकट की मुख्य वजह यह है कि उसे अपने सबसे बड़े कस्टमर्स से बकाया राशि नहीं मिल पा रही है। भारतीय वायुसेना ने सितंबर, 2017 के बाद से कंपनी को कोई पेमेंट नहीं किया है। अक्टूबर में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स का ग्राहकों पर कुल 10,000 करोड़ रुपये बाकी थी।
दिसंबर में यह आंकड़ा बढ़कर 15,700 करोड़ रुपये पहुंच गया। माधवन का कहना है कि मार्च तक यह 20,000 करोड़ तक पहुंच सकता है।