नई दिल्ली: केंद्रीय श्रमिक संघों के 20 करोड़ कर्मचारी मंगलवार से 2 दिन की देशव्यापी हड़ताल पर हैं। इनका आरोप है कि सरकार की नीतियां श्रमिक विरोधी हैं। इसके खिलाफ प्रदर्शन के लिए हड़ताल का फैसला लिया गया। वेतन बढ़ोतरी समेत श्रमिक संगठनों की 12 सूत्रीय मांगें हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, टेलीकॉम, कोल, स्टील, बैंकिंग, इंश्योरेंस और ट्रांसपोर्ट सेक्टर में 10 श्रमिक संगठनों के कर्मचारी हड़ताल में शामिल हैं। इससे इन सेक्टर की सेवाओं पर असर पड़ेगा।
Delhi: All India Central Council of Trade Unions (AICCTU) members hold protest in Patparganj industrial area against privatisation of public and government sector and demanding minimum wages, social security among others pic.twitter.com/jbfilCAwYN
— ANI (@ANI) January 8, 2019
बैंक कर्मचारी यूनियन, श्रमिक संगठनों, नॉर्थ ईस्ट में सिटिजनशिप बिल के विरोध में तमाम संगठनों ने 8 और 9 जनवरी को हड़ताल का आह्वान किया है. इसके चलते लोगों को बैंक संबंधी कामों को लेकर कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि इन दो दिनों के दौरान देश के सबसे बड़े भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में संभवत: कामकाज होगा जिसकी 85,000 शाखाएं हैं. कुछ अन्य नेशनल बैंकों में भी सामान्य कामकाज होने की उम्मीद है.
सरकार के एक तरफा श्रम सुधार और श्रमिक-विरोधी नीतियों के विरोध में केंद्रीय श्रमिक संघों ने मंगलवार से दो दिन की देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है. संघों ने जारी संयुक्त बयान में इसकी जानकारी दी कि करीब 20 करोड़ कर्मचारी इस हड़ताल में शामिल होंगे. एटक की महासचिव अमरजीत कौर ने सोमवार को 10 केंद्रीय श्रमिक संघों की एक प्रेस वार्ता में पत्रकारों से कहा, दो दिन की हड़ताल के लिए 10 केंद्रीय श्रमिक संघों ने हाथ मिलाया है. हमें इसमें 20 करोड़ श्रमिकों के शामिल होने की उम्मीद है.