नई दिल्ली: आनंद शर्मा ने कहा कि संविधान संशोधन से गरीब का पेट नहीं भरेगा, उसको न्याय नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा कि किसान के लिए, नौजवान के लिए जो वादे किए थे, उनका क्या हाल हो रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार को जल्दी दिखानी थी तो महिला आरक्षण बिल पर दिखाते, क्यों सरकार चार साल बाद भी यह बिल लेकर नहीं आई.
राजनीति के लिए आप तीन तलाक बिल लाए लेकिन बाकी महिलाओं को न्याय कब मिलेगा. उन्होंने कहा जनता एक बार वादों में बहक जाती है लेकिन बाद में हिसाब जरूर मांगती है लेकिन अब तो आपका हिसाब देने का वक्त है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस बिल की पक्षधर है क्योंकि हमने सामाजिक न्याय और खासकर अगड़ी जातियों के लिए न्याय की आवाज उठाई थी. हम इस बिल का समर्थन करते हैं.
कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने बिल पर चर्चा के दौरान कहा कि पहले कुछ नहीं हुआ, सब अभी हो रहा है, यह कहना गलत है. उन्होंने कहा कि पहले कुछ नहीं हो तो आप क्या लेकर आए थे. देश के लोगों से 2014 में कई वादे किए गए थे, हर चढ़ाई के बाद एक गहरी खाई भी आती है. शर्मा ने कहा कि देश की सभी पोशाकों का प्रदर्शन मोदी जी घूम-घूमकर कर रहे हैं लेकिन सदन में ऐसे दर्शन नहीं होते हैं. आनंद शर्मा ने कहा कि संविधान के अंदर पिछड़ों को आरक्षण का प्रावधान पहले से ही रखा गया था और उसी के तहत अब तक आरक्षण चल रहा था.
आनंद शर्मा ने कहा कि नौकरी बन रही हैं लगातार कम हो रही हैं. उन्होंने कहा कि पीएसयू में तीन साल के दौरान 97 हजार नौकरियां चली गई हैं. राज्यों के आंकड़े अगर सरकार देगी तो बेहतर होगा. उन्होंने कहा कि लोगों के मुताबिक नौकरियां देने में शायद 800 साल लग जाएंगे. देश के लोगों को आप इतना बड़ा सपना दिखा रहे हैं, लेकिन हकीकत कुछ और है.
विकास की परिधि से बाहर रह गए लोगों को जोड़ना सरकारों का धर्म है, लेकिन इस विषय पर विस्तार से चर्चा होने की जरूरत थी. इसके लिए समाज के लोगों से भी बात की जानी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि सरकार की अभी इस बिल में कई बाधाओं का सामना करना है, क्योंकि यह संविधान का अपमान करने की एक सोझी-समझी साजिश है.