नई दिल्ली: AIADMK के सांसद ए. नवनीतकृष्णन ने 10 फीसदी आरक्षण बिल का विरोध किया. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु को इस बिल से सबसे ज्यादा नुकसान होगा. उन्होंने कहा कि संसद के कॉन्स्टिट्यूशनल असेंबली नहीं है और न ही इसे पास ऐसी ताकत है, ऐसा मैं नहीं कह रहा, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है. उन्होंने कहा कि उनका विनम्र अनुरोध बस इतना है और जो कि सुप्रीम कोर्ट के फैसलों से भी स्पष्ट है कि संसद या कोई भी कानून संविधान के मूल ढांचे को नहीं बदल सकती है.
उन्होंने आगे कहा कि इसी आधार पर इस बिल को सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी जाएगी और यह सुप्रीम कोर्ट से रिजेक्ट हो जाएगा. संविधान हमेशा से संसद से ऊपर है और इसका उच्च स्थान बरकरार रहना चाहिए. तमिलनाडु में 69 फीसदी आरक्षण लागू है और यह 10 फीसदी आरक्षण वहां के लोगों के मूल अधिकारों का भी उल्लंघन होगा. साथ ही यह संविधान के मूल ढांचे को भी चुनौती देगा. बिना आंकड़ों के 10 फीसदी आरक्षण को लागू करना लोगों के मूल अधिकारों का उल्लंघन होगा. अपनी बात कहने के बाद उन्होंने सदन से वॉकआउट कर दिया.