भोपाल: मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित होने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि भाजपा सही तरीके से विपक्ष की भूमिका नहीं निभा रही है। हम उनकी सच्चाई सबको बताएंगे। ये तो अभी ट्रेलर है। मुख्यमंत्री कमलनाथ विधानसभा में विपक्ष के हंगामे के बाद पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे।
कमलनाथ ने कहा कि भाजपा वाले सुन ले कई मामलों के खुलासे होना अभी बाकी है। धीरे-धीरे 15 साल के कारनामे सामने आ जाएंगे। विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव से पहले भाजपा ने विधायकों को खरीदने की कोशिश की। हमने उनसे सदन की परंपराओं को निभाने कहा। लेकिन उनका रुख ठीक नहीं रहा। वो अभी भी अपने आपको सत्ता में हैं ये समझ रहे हैं। हमारे बारे में ये कहा जा रहा है कि हम अल्पमत में है।
कमलनाथ ने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव नहीं था। ये तो संबैधामिक परंपराएं है हो जाती हैं। जिस तरह से विपक्ष ने जिस तरह का रुख अख्तियार किया उससे में आहत हूं। अगर विपक्ष अध्यक्ष के चुनाव के समय हमारा सहयोग करता तो हम उपाध्यक्ष का पद उन्हें दे देते। लेकिन उनका रुख सदन शुरू होने से पहले ही सकारात्मक नहीं था।
कमलनाथ ने कहा कि हम विपक्ष के सहयोग से बेहतर काम करना चाहते हैं। मध्यप्रदेश को एक नया मॉडल देना चाहते है। भाजपा ने सदन की प्रकिया का पालन नही किया। परंपराएं टूटी है, हमें इस बात का दुख है। लेकिन शुरुआत भाजपा ने की। फूट डालने की मंशा के साथ बाजपा ने अध्यक्ष पद के लिए नॉमिनेशन भरा। उन्होंने कहा कि यह चुनाव कोई विधायक के चुनाव की तरह नही जिसमें जनता की वोटिंग की जाए। सदन में बैठे लोग ही इसका फैसला करते है। अगर इस मामले में भाजपा कोर्ट जाना चाहती है तो जा सकती है।
भाजपा को वोटिंग से डर था कि बहुत सारे खुलासे ना हो जाएं। अभी बहुत सारे ख़ुलासे होंगे। भाजपा को हमने वोटिंग का ऑफर दिया, लेकिन वो वोटिंग चाहते ही नही थे। हमने नियम का पूरी तरह से पालन किया। मध्यप्रदेश के विकास का काम करना हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौतियां है। विपक्ष के साथ मिलकर काम करने का हमेशा प्रयास रहेगा।