भोपाल : मंगलवार दोपहर 1:35 बजे। यह तस्वीर संभाग के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल हमीदिया की हकीकत बयां कर रही है। दमोह से आए पिता गोपाल रैकवार के कमजोर कंधों पर 13 साल का बेटा प्रकाश सिर दर्द और तेज बुखार से कराह रहा है। साथ में मां सविता है।
प्रकाश यहां दस दिन से भर्ती है। मर्ज कम नहीं हुआ तो डॉक्टरों ने गोपाल को बेटे के चैकअप के लिए नई बिल्डिंग में जाने की सलाह दी है। हालात के आगे गोपाल मजबूर हैं। स्ट्रेचर मांगा, जो नहीं मिला इसलिए कंधे पर लादकर बेटे का चैकअप कराने निकल पड़े।
ऐसा नहीं कि यहां मरीजों की दुर्दशा पहली बार हो रही हो। इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड के हिसाब से इस अस्पताल में 118 स्ट्रेचर होने चाहिए, लेकिन हैं केवल 78. ज्यादातर स्ट्रेचर मेडिकल वार्ड के उपयोग में आते हैं। नतीजा ये है कि दूरदराज से इमरजेंसी में पहुंचने वाले मरीजों को इन परेशानियों से बाबस्ता होना ही पड़ता है।