चीन: अमेरिका के साथ व्यापार मुद्दे पर तनातनी अब चीन को भारी पड़ने लगा है. 28 साल में पहली बार चीन की आर्थिक विकास दर सबसे कम रफ्तार से बढ़ी है. साल 2018 में चीन की अर्थव्यवस्था 6.6 फीसदी की रफ्तार से आगे बढ़ी है. दरअसल, आर्थिक मोर्चे पर चीन के पिछड़ने की बड़ी वजह अमेरिका के साथ व्यापार मसले पर जारी तनाव और निर्यात में गिरावट मानी जा रही है.
दिसंबर तिमाही में चीन की आर्थिक वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रही, जो कि इससे पहले की तिमाही में 6.5 प्रतिशत थी, हालांकि पहले से ही यह आंकड़े आने का अनुमान था, लेकिन इससे ये साफ हो रहा है कि चीन की आर्थिक ताकत धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगी है. चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो (NBS) ने कहा कि चीन की आर्थिक वृद्धि दर 2018 में 6.6 फीसदी रही.
वहीं आर्थिक विकास दर के मोर्चे पर भारत के लिए अच्छी खबर है, IMF ने कहा कि 2018 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.3 फीसदी रही है. जबकि 2019 में 7.5 फीसदी और 2020 में 7.7 फीसदी रहने का अनुमान है. अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने सोमवार को यह अनुमान लगाते हुए कहा कि इन दो साल के दौरान चीन की तुलना में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर एक प्रतिशत अंक अधिक रहेगी. इसके अलावा वर्ल्ड बैंक ने अनुमान लगाया है कि भारत 2018-19 में दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाला देश बना रहेगा.
इस साल चीन की आर्थिक वृद्धि दर 2017 की 6.8 फीसदी से भी कम है. चीन की यह 1990 के बाद सबसे कम आर्थिक वृद्धि दर है. 1990 में चीन की आर्थिक वृद्धि की दर 3.9 फीसदी थी. एनबीएस के आंकड़ों के मुताबिक, चीन की अर्थव्यवस्था के करीब 6.5 फीसद की दर से बढ़ने का लक्ष्य रखा गया था.
पिछले करीब एक साल से व्यापार के मोर्चे पर चीन और अमेरिका के बीच तनाव जारी है. दोनों ने एक-दूसरे से आयातित वस्तुओं पर शुल्क लगाया हुआ है. चीन के सरकारी राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो ने कहा कि वर्ष 2017 में जीडीपी 82,080 अरब युआन यानी 12,130 अरब डॉलर रही, यह पिछले पूर्वानुमान से 636.70 अरब युआन यानी 93.90 अरब डॉलर कम है.