नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने सारदा चिटफंड घोटाले में पूछताछ के लिए कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को सीबीआई के सामने पेश होने का आदेश दिया है। शीर्ष अदालत ने साथ ही यह साफ किया राजीव की फिलहाल गिरफ्तारी नहीं होगी।कोर्ट ने राजीव को बंगाल से बाहर शिलॉन्ग में सीबीआई के सामने पेश होने को कहा है।
The Police Commissioner of Kolkata Rajeev Kumar will appear before the Central Bureau of Investigation (CBI) in Shillong, Meghalaya as a neutral place. https://t.co/VUzsg9P9XN
— ANI (@ANI) February 5, 2019
बंगाल की सीएम ममता सीबीआई के खिलाफ तीन दिन से धरने पर बैठीं हुई हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से उनको झटका लगा है। अदालत ने साथ ही राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी और कोलकाता पुलिस कमिश्नर को सीबीआई की मानहानि याचिका पर नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 20 फरवरी को होगी।
Next day of hearing is February 20. https://t.co/VUzsg9P9XN
— ANI (@ANI) February 5, 2019
अटॉर्नी जनरल ने कहा कि SIT ने की सबूतों के साथ छेड़छाड़
बहस के दौरान सीबीआई की तरफ से पेश अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि एसआईटी ने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की और मामले की सही तरीके से जांच नहीं की। उन्होंने कहा कि बंगाल में संवैधानिक संस्थाएं चरमरा गई हैं। वेणुगोपाल ने कहा कि एसआईटी डेटा और लैपटॉप को सुरक्षित नहीं रख पाई। एसआईटी ने सीबीआई को गलत कॉल्स डेटा दिया था। बंगाल सरकार की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सीबीआई कोलकाता पुलिस कमिश्नर को परेशान करना चाहती है। उन्होंने कहा कि सीबीआई अफसरों को परेशान कर रही है।
CJI बोले- पूछताछ में दिक्कत क्या है?
इसपर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि राजीव कुमार को पूछताछ में क्या दिक्कत है? चीफ जस्टिस ने कहा कि आखिर कमिश्नर सीबीआई के सामने पेश क्यों नहीं हो रहे हैं? चीफ जस्टिस ने पूछा कि पश्चिम बंगाल सरकार को हमारे जांच के आदेश से किस तरह की दिक्कत है। चीफ जस्टिस के नेतृत्व वाली बेंच ने कहा कि कोलकाता पुलिस कमिश्नर को जांच में शामिल होने का आदेश देने में दिक्कत नहीं है। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह मानहानि की याचिका मामले में राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी और राजीव कुमार को नोटिस देगी। कोर्ट ने आदेश दिया कि राजीव कुमार को मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग में सीबीआई के सामने पेश होना होगा।
सीबीआई ने सोमवार को दाखिल की थी याचिका
इससे पहले सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि सीबीआई कोलकाता पुलिस कमिश्नर के खिलाफ सबूत लाकर दे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था यदि राजीव कुमार यदि सबूतों को मिटाने की कोशिश कर रहे हैं तो सीबीआई उनके खिलाफ सबूत लाकर दे, हम उनके खिलाफ ऐसी कार्रवाई करेंगे कि वह पछताएंगे।
कलकत्ता हाई कोर्ट में राजीव की याचिका पर टली सुनवाई
इस बीच कलकत्ता हाई कोर्ट ने कोलकाता पुलिस प्रमुख राजीव कुमार से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचने के कारण इसकी सुनवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी है। बता दें कि कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार सीबीआई पूछताछ के खिलाफ कलकत्ता हाई कोर्ट गए थे। उन्होंने हाई कोर्ट से सीबीआई पूछताछ से अंतरिम राहत मांगी थी। कलकत्ता हाई कोर्ट राजीव कुमार की याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है और इस मामले में आज सुनवाई की तारीख दी थी।
West Bengal CBI matter: Yesterday Kolkata Police Commissioner Rajeev Kumar had filed petition in Kolkata HC seeking interim relief. Today court postponed the case as the matter between WB Police & CBI is sub-judice in SC. Next hearing on Thursday, 7 Feb
— ANI (@ANI) February 5, 2019
दादागिरी कर रहे मोदी: ममता
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ममता ने कहा, ”सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि राजीव कुमार की गिरफ्तारी नहीं होगी। ये हमारी नैतिक जीत है। आज संविधान की जीत हुई। हमारा पक्ष मजबूत है। मोदी सरकार हमें काम नहीं करने दे रही। मोदी अपनी दादागिरी चला रहे हैं। कोई भी उनके खिलाफ बोलता है तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाता है। किसी को ओडिशा में तो किसी को बिहार में गिरफ्तार कर लिया जाता है। मैंने मोदी के खिलाफ कुछ बोला तो मुझे फोन आया। फोन पर किसी अधिकारी ने कहा कि आप मोदी के खिलाफ कुछ मत बोलिए। मैंने कहा, क्यों नहीं बोलूं? ये लोकतंत्र है। जो गलत होगा, हम उसके खिलाफ बोलेंगे।” 16 राज्यों के 21 दलों के नेताओं ने ममता का समर्थन किया है।
सीबीआई की नैतिक जीत: सरकार
सीबीआई और बंगाल सरकार के मसले पर मंगलवार को भी लोकसभा और राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। दोनों सदनों की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित कर दी गई। वहीं, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि शारदा घोटाले में लाखों छोटे निवेशकों का पैसा लूट गया। क्या नैतिक रूप से घोटाले की जांच नहीं होना चाहिए? ममता बनर्जी और दूसरे दल इस पर चुप क्यों हैं? सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश दिया है वह साजिश और मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल को ध्यान में रखकर दिया है। मामले राजनीतिक रंग न दें। नैतिक रूप से यह सीबीआई की बड़ी जीत है।
इसलिए शुरू हुआ विवाद?
सीबीआई की 40 अधिकारियों की एक टीम कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से चिटफंड घोटाले के सिलसिले में पूछताछ करने के लिए रविवार को उनके आवास पर गई थी लेकिन टीम को उनसे मिलने की अनुमति नहीं दी गई और उन्हें जीप में भरकर थाने ले जाया गया। टीम को थोड़े समय के लिए हिरासत में भी रखा गया। घटना के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी रविवार की रात 8:30 बजे से धरने पर बैठी हुई हैं। इसे वह ‘संविधान बचाओ’ विरोध प्रदर्शन कह रही हैं।