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गुमाश्ता कानून में नवीनीकरण की अनिवार्यता समाप्त

भोपाल:

राज्य शासन ने प्रदेश के छोटे व्यापारियों और दुकानदारों को व्यवसाय के लिये सकारात्मक वातावरण देने के उद्देश्य से ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ के तहत गुमाश्ता कानून में नवीनीकरण की अनिवार्यता को समाप्त करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय से छोटे दुकानदारों और व्यवसाइयों की लम्बी अवधि से लंबित माँग की पूर्ति हो सकेगी।

अब मध्यप्रदेश में दुकान और स्थापना अधिनियम-1958 के प्रावधानों के तहत छोटे दुकानदारों, स्थापनाओं एवं स्टार्ट-अप को बार-बार दुकानों के लाईसेंस का नवीनीकरण नहीं कराना होगा। श्रम विभाग द्वारा गुमाश्ता लाईसेंस के लिए नवीनीकरण की अनिवार्यता को समाप्त करने का आदेश आज जारी किया गया।

इस निर्णय से प्रदेश के लगभग 10 लाख से अधिक छोटे दुकानदार, स्थापना व्यवसाई और स्टार्ट-अप लाभान्वित होंगे। नई व्यवस्था के अनुसार दुकानदार और स्थापनाओं को पूरे व्यवसाय अवधि में एक बार ऑनलाइन पंजीयन कराना होगा। पंजीयन कराने के बाद भविष्य में व्यवसाय के स्वरूप में परिवर्तन होने पर ही अपने पंजीयन में संशोधन कराना होगा।

साथ ही पंजीयन की विभिन्न श्रेणियों को खत्म कर मात्र दो श्रेणी तक ही सीमित किया जा रहा है।

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