उच्च शिक्षा मंत्री श्री जीतू पटवारी ने कहा है कि प्रदेश को समृद्ध बनाने के लिए आधुनिक शिक्षा व्यवस्था, शोध और रोजगार उन्मुखी वातावरण निर्मित करना अत्यंत जरूरी है। कौशल विकास और व्यवसायिक शिक्षा राज्य सरकार की प्राथमिकता है। गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा प्रदान करना सबसे बड़ी चुनौती है, जो समाज की सहभागिता के बिना असंभव है। इसमें निजी विश्वविद्यालयों की सहभागिता आवश्यक है। श्री पटवारी आज मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग में विकास के लिए नए आविष्कारों और नवाचारों की मध्यप्रदेश में संभावनाएं और चुनौतियां विषय पर आयोजित परिचर्चा को संबोधित कर रहे थे।
मंत्री श्री पटवारी ने कहा कि भावी पीढ़ी के लिए संसाधनों की कमी को पूरा करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश एजुकेशन हब के रूप में विकसित हो रहा है। शिक्षा को रोजगार उन्मुखी बनाने के लिए हमारी कोशिश होगी कि विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्र और संप्रदाय को पाठ्यक्रमों में सम्मिलित करें। उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि हमारा देश कृषि प्रधान है। इसलिये कृषि के क्षेत्र में नवाचार और शोध पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इससे युवाओं को रोजगार और आय के साधन तो मिलेंगे ही, साथ ही किसानों को भी इसका लाभ मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि ऐसे विषयों पर शोध करने की आवश्यकता है, जिन से बेरोजगारी जैसी बड़ी चुनौती का समाधान निकाला जा सके।
कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री श्री पटवारी ने विश्वविद्यालयों के उत्कृष्ट विद्यार्थियों को पदक वितरित किये। इस अवसर पर मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनायक आयोग के अध्यक्ष प्रोफेसर अखिलेश पांडे तथा बड़ी संख्या में कुलाधिपति एवं कुलपति उपस्थित थे।
प्रकाशीय एवं आवासीय भवन का लोकार्पण
उच्च शिक्षा मंत्री श्री जीतू पटवारी ने मध्यप्रदेश विनियामक आयोग के प्रशासकीय एवं आवासीय भवन का लोकार्पण किया इस अवसर पर उन्होंने आयोग परिसर में पौधारोपण भी किया।