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इंजीनियरिंग में एडमिशन के लिए पांच साल बाद फिर पीईटी शुरू करने की तैयारी

भोपाल: प्रदेश के सरकारी और निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन के लिए सरकार फिर से पीईटी (प्री-इंजीनियरिंग टेस्ट) शुरू कराने की तैयारी कर रही है। इसके लिए तकनीकी शिक्षा मंत्री बाला बच्चन के निर्देश पर डायरेक्टर आॅफ टेक्निकल एजुकेशन प्रो. वीरेंद्र कुमार ने प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) से टाइम स्लॉट मांगा है।

प्रदेश में 2014 में पीईटी बंद कर दी गई थी। इसके बाद संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई-मेन) के माध्यम से ही एडमिशन हो रहे हैं। पांच साल बाद फिर से पीईटी शुरू कराने की वजह प्रदेश में बीते शैक्षणिक सत्रों में इंजीनियरिंग की 50 प्रतिशत सीटें खाली रह जाना बताया जा रहा है। डीटीई प्रो. कुमार ने बताया कि पीईबी ने पीईटी का एग्जाम टाइम-टेबल बनाने के लिए औपचारिक रूप से प्रस्ताव मांगा है। इसके चलते पीईटी का प्रस्ताव शासन को मंजूरी के लिए भेजा गया है।

पीईटी कराने के पीछे एक बड़ा कारण यह भी है कि जेईई मेन में अच्छी रैंक प्राप्त करने वाले छात्र राष्ट्रीय स्तर के इंस्टीट्यूट में एडमिशन लेते हैं। जिन्हें शुरुआत में एडमिशन नहीं मिल पाता, वे मप्र के कॉलेज में एडमिशन तो ले लेते हैं। लेकिन, अन्य कोई अच्छा अवसर मिलने पर वे एडमिशन विड्रा कर लेते हैं। इस कारण सीटें खाली रह जाती हैं। पीईटी में वही छात्र शामिल होगा जिसे प्रदेश के कॉलेजों में एडमिशन लेना होगा। लेकिन, उसे राष्ट्रीय स्तर के कॉलेज में एडमिशन के लिए जेईई (मेन) अलग से देनी होगी।

 

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