भोपाल: प्रदेश में मौसम बदल गया है। बुधवार को मंदसौर में ओले गिरे। गुरुवार-शुक्रवार को उज्जैन, भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, सीहोर, विदिशा समेत पश्चिमी मप्र के कई हिस्सों में बारिश होने व ओले गिरने की संभावना है। गुरुवार को सुबह छतरपुर, सतना और शिवपुरी में गरज चमक के साथ बौछारें पड़ीं। इसके पहले बुधवार की रात को गुना, अशोकनगर और राजगढ़ में बारिश के साथ ओले गिरे हैं।
इन क्षेत्रों में ओले गिरने से खेती को भी नुकसान पहुंचा है। खेतों में गेंहू की फसल जमीन पर गिर गई है। इससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं। प्रशासन फसल को हुए नुकसान का सर्वे करा रहा है। इधर, मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किसानों को आश्वस्त किया है कि सरकार उनके साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि किसान भाई चिंता न करें। मंदसौर और प्रदेश में कुछ अन्य स्थानों पर ओले ओर बारिश से फसलों को नुकसान हुआ है। सरकार आपके साथ है। सर्वे करवाकर मुआवज़ा दिया जाएगा।
कल मंदसौर जिले में व प्रदेश में कुछ अन्य स्थानो पर ओले ओर बारिश से फसलो को नुकसान हुआ।
किसान भाई चिंता ना करे , सरकार आपके साथ है।
सर्वे करवाकर मुआवज़ा दिया जायेगा।— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) February 14, 2019
मौसम विभाग के अनुसार, राज्य में हवाओं के रुख में आए बदलाव के कारण तापमान में बदलाव आया है। हवाओं का रुख उत्तरी से दक्षिण-पश्चिमी होने से ठंड का असर कम हुआ है और तापमान में उछाल आया है। मौसम साफ होने के साथ धूप खिली है।
इसके बदलाव के बाद राज्य में कई शहरों का न्यूनतम तापमान 15 डिग्री पार कर गया है। वहीं, अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम में बदलाव के साथ तापमान में वृद्धि हुई है। गुरुवार को भोपाल का न्यूनतम तापमान 17.4 डिग्री सेल्सियस, इंदौर का 18.6 डिग्री, ग्वालियर का 15.5 डिग्री और जबलपुर का 14.4 सेल्सियस दर्ज किया गया।
वहीं, बुधवार को भोपाल का अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस, इंदौर का 33 डिग्री, ग्वालियर का 27.5 डिग्री सेल्सियस और जबलपुर का 30.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम वैज्ञानिक पीके साहा ने बताया कि पश्चिमी राजस्थान के पास हवा में चक्रवात बना है। गुरुवार को यह लो प्रेशर एरिया में बदलेगा। इसी वजह से गुरुवार को भोपाल में सुबह से बादल छाए।
ऐसी ठंड कभी नहीं पड़ी
इस सीजन में 14 दिसंबर से मौसम बदला था। तब से अब तक 62 दिनों में से 41 दिन रात का तापमान 10 डिग्री से कम रहा। 5 दिन सामान्य या उससे कम रहा। इस तरह 46 दिन ठंड पड़ी। ऐसी सर्दी पहले कभी नहीं पड़ी।