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शहीद अश्विनी का पार्थिव शरीर उनके गांव पहुंचा, अंतिम विदाई देने के लिए हजारों लोग जुटे

जबलपुर : पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवान और जबलपुर के बेटे अश्विनी कुमार काछी (32) का पार्थिव शरीर उनके गांव सिहोरा-खुड़ावल पहुंच चुका है। वीर शहीद को श्रद्धाजंलि देने हजारों लोग पहुंचे हैं। लोग नम आंखों से शहीद वीर सपूत को अंतिम विदाई दे रहे हैं।

इसके पहले नई दिल्ली में तिरंगे में लिपटा अश्विनी कुमार का शरीर लाया गया।

सीआरपीएफ कांस्टेबल अश्वनी का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव लाया गया. उनका गांव मध्य प्रदेश के जबलपुर क्षेत्र में है. इस मौके बड़ी तादाद में लोग जमा हुए और शहीद अश्वनी के शौर्य को सलाम किया.

आतंकियों की इस कायराना हरकत करतूत से उनका परिवार गुस्से में है। अश्विनी के पिता ने कहा कि सरकार पुलवामा घटना का जवाब दे, खून का बदला खून से लिया जाए। पहले देश आता है, मैं चाहता हूं कि खुडावल का हर जवान सेना में जाए। सुकरी काछी के पड़ोसी रविकांत यादव के मुताबिक चार भाइयों और एक बहन में अश्विनी सबसे छोटा था।

पुलवामा के आतंकी हमले में शहीद सीआरपीएफ के जवान अश्विनी कुमार (36) के पिता सुकरी काछी ने कहा कि वे चाहते हैं कि गांव का हर जवान सेना में जाए। अश्विनी कुमार के परिवार ने सरकार से मांग की है कि आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाए।

आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण सुकरी काछी ने मजदूरी और पत्नी कौशल्या ने बीड़ी बनाकर परिवार का भरण-पोषण किया। दो साल पहले जब अश्विनी की नौकरी लगी तो उन्होंने मां से बीड़ी बनाने का काम छुड़ाया। राज्य शासन ने शहीद के परिजनों को एक करोड़ रुपए की राहत राशि, एक मकान और परिवार के एक व्यक्ति को शासकीय नौकरी देने की घोषणा की है।

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आतंकी हमले में शहीद जबलपुर जिले के अश्विनी कुमार काछी को बहादुर नौजवान और पूरे प्रदेश को उन पर गर्व होने की बात कही थी। कमलनाथ ने कहा कि यह शहादत बताती है कि  हमारे प्रदेश के नौजवानों में देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने का साहस है। उनकी वीरता का ही परिणाम है कि दुश्मन कायराना हमले पर उतर आया है।

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