जयपुर : आठ दिन से चला आ रहा गुर्जर आरक्षण आंदोलन शनिवार को खत्म हो गया। गुर्जर आरक्षण समिति के संरक्षक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा कि राष्ट्रहित में यह फैसला किया गया है। सरकार और गुर्जर नेताओं में हुए समझौते की ड्राफ्ट कॉपी लेकर मंत्री विश्वेंद्र सिंह शनिवार को सवाईमाधोपुर में धरनास्थल पहुंचे इसके बाद आंदोलन खत्म किया गया।
Gujjar leader Kirori Singh Bainsla: The agitation concludes today in the interest of the nation. I request that all the blockades across Rajasthan be removed immediately. pic.twitter.com/X1JGpGHzxc
— ANI (@ANI) February 16, 2019
बैंसला ने आंदोलन के दौरान हुई असुविधा के लिए जनता से क्षमा मांगी। उन्होंने कहा, ‘‘हमें पांच प्रतिशत आरक्षण मिल गया है। इसमें कानूनी अड़चन आई तो उसे दूर करने का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुद आश्वासन दिया है।’’ गुर्जर सहित पांच जातियों को आरक्षण देने संबंधी विधेयक विधानसभा में पारित किए जाने के बाद भी राजस्थान में गुर्जरों का आंदोलन जारी था।
गुर्जर आरक्षण बिल के संबंध में जयपुर में मसौदा तैयार किया गया। इसे शनिवार सुबह 11 बजे सवाईमाधोपुर भेजा गया। पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने यह मसौदा गुर्जर आंदोलन कर्मियों को सौंपा। गुर्जर आरक्षण समिति के पदाधिकारी को यह पत्र पढ़कर सुनाया गया। इसके बाद बैंसला ने इस पर हस्ताक्षर किए।
गुर्जर आंदोलन के कारण आठ दिन में 225 से ज्यादा ट्रेनें प्रभावित हुईं। शुक्रवार को भी 24 ट्रेनों पर असर पड़ा। दिल्ली-मुंबई जैसे अति व्यस्त मार्ग बाधित होने से रोज लाखों यात्री परेशान हो रहे थे। वहीं, राज्य में कई जगहों पर हाईवे भी जाम कर दिए गए थे। इससे न केलव लोगों को परेशानी हो रही थी बल्कि पर्यटन पर भी विपरीत असर पड़ रहा था। गोल्डन ट्राइएंगल में शामिल जयपुर आने वाले पर्यटक राजस्थान नहीं पहुंच पा रहे थे। देसी-विदेशी सैलानियों की बुकिंग रद्द किए जाने से रेलवे, रोडवेज और राज्य को आर्थिक नुकसान हो रहा था।