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संसद भवन में बैठक खत्म, सभी दल बोले- आतंकवाद के खिलाफ एकसाथ

नई दिल्ली : पुलवामा की शहादत पर पूरे देश में आक्रोश है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना से कहा है कि वह बदला लेने के लिए जगह और वक्त अपने हिसाब से तय कर ले. इस बीच दहशतगर्दी की इस नापाक करतूत का किस अंदाज में जवाब दिया जाए, इसे लेकर सरकार ने संसद में सभी पार्टियों के नेता सदन के साथ मंथन किया है.
गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में शनिवार को दिल्ली में संसद भवन में यह बैठक बुलाई गई. इस बैठक में कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के नेता सदन शामिल हुए. बैठक के बाद नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि लोकसभा और राज्यसभा में राजनीतिक दलों के नेताओं की बैठक बुलाई गई. जिसमें सभी दलों के नेताओं ने यह आश्वासन दिया कि वह देश और सरकार के साथ खड़े हैं.
उन्होंने बताया कि बैठक में एक प्रस्ताव भी सर्वसम्मति से पास किया गया. साथ ही यह बताया कि बैठक में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आतंकवाद की यह हरकत कायराना है और जम्मू कश्मीर से आतंक खत्म करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. बैठक में राजनाथ सिंह ने कहा कि कश्मीर की जनता अमन चाहती है और वह हमारे साथ खड़ी है.

वहीं, दूसरी तरफ बैठक के बाद गुलाम नबी आजाद ने बताया कि हमने गृहमंत्री से आग्रह किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों के अध्यक्षों की बैठक बुलाएं और उनके साथ विचार विमर्श करना चाहिए. हमारी इस मांग का बाकी दलों ने भी समर्थन किया. गुलाम नबी ने बताया कि पूरी कांग्रेस पार्टी आतंकवाद का खात्मा करने के लिए मजबूती के साथ जवानों के साथ खड़ी है.

मीटिंग में ये नेता

गृहमंत्री राजनाथ सिंह के अलावा इस बैठक में गृह सचिव राजीव गौबा, बीएसपी नेता सतीश चंद्र मिश्रा, आरजेडी नेता जेपी यादव, सीपीएम नेता टी के रंगराजन, फारुख अब्दुल्ला, के वेणुगोपाल, टीआरएस के जितेंद्र रेड्डी, राम मोहन नायडू, गुलाम नबी आजाद, चन्दू माजरा, नरेश गुजराल, टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन, सुदीप बंधोपाध्याय, एनसीपी नेता शरद पवार, आनंद शर्मा, आप नेता संजय सिंह, शिवसेना नेता संजय राउत, ज्योतिरादित्य सिंधिया, आरएलएसपी नेता उपेंद्र कुशवाहा शामिल हुए. बैठक में CRPF के ADG भी पहुंचे.

मीटिंग से पहले गुलाम नबी आजाद ने बताया था कि हम सब सुरक्षाबलों के साथ खड़े हैं. लेकिन मीटिंग में क्या होने वाला है, इसकी उन्हें अभी कोई जानकारी नहीं है. आजाद ने स्पष्ट कहा कि उनकी पार्टी आतंकवाद से लड़ने के लिए सरकार का समर्थन करेगी. उन्होंने कहा कि यह बातचीत का वक्त नहीं है और ऐसा करना बेवकूफी होगी. गुलाम नबी से पहले शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर देश को यह बताया था कि कांग्रेस पार्टी समेत पूरा विपक्ष सरकार और सेना के साथ है.

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