दक्षिण कोरिया/सियोल : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के दौरे पर गुरुवार तड़के दक्षिण कोरिया पहुंचे। लॉटे होटल में वे भारतीय समुदाय के लोगों से मिले। इसके बाद उन्होंने गांधीजी की प्रतिमा का अनावरण किया। यहां वह राष्ट्रपति मून जे-इन से स्पेशल स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप को मजबूत करने पर बातचीत करेंगे। मोदी को सियोल शांति पुरस्कार से भी सम्मानित किया जाएगा। 1988 में सियोल ओलिंपिक के सफल आयोजन के बाद यह पुरस्कार शुरू किया गया था। मोदी यह सम्मान पाने वाले 14वें व्यक्ति हैं।
Prime Minister Narendra Modi, South Korea President Moon Jae-in, and former U.N. Secretary-General Ban Ki-moon unveil a bust of Mahatma Gandhi at the Yonsei University in Seoul, South Korea. pic.twitter.com/25WehCsCH6
— ANI (@ANI) February 21, 2019
मोदी ने कहा- महात्मा गांधी कहा करते थे कि परमात्मा ने मनुष्य की जरूरत (नीड) के लिए सबकुछ दिया है, लेकिन मनुष्य की ग्रीड के लिए यह सारी चीजें कम पड़ जाएंगी। इसलिए मनुष्य को नीड के हिसाब से जीवन बिताना चाहिए, न कि ग्रीड से हिसाब से।
“गांधीजी के समय में कोई ग्लोबल वॉर्मिंग पर चर्चा नहीं होती थी। उन्होंने कोई कार्बन फुटप्रिंट्स नहीं छोड़े। उन्होंने हमेशा आने वाली पीढ़ी के लिए संसाधन छोड़ने की बात कही। वे कहते थे कि अगर हम ऐसा नहीं करेंगे तो हम अपने बच्चों का हिस्सा खा लेंगे, उनका अधिकार ले लेंगे। मानवजाति आज आतंकवाद के संकट से जूझ रही है। गांधीजी का संदेश अंहिसा के माध्यम से, हृदय परिवर्तन के माध्यम से हिंसा के रास्ते पर गए लोगों को लौटाने का, मानवीय शक्तियों के एकत्र होने का संदेश आज भी लोगों को देता है।
“इसी धरती (दक्षिण कोरिया) की संतान मेरे मित्र बान की मून जब यूएन सेक्रेटरी जनरल थे तब 2 अक्टूबर महात्मा गांधी जयंती को यूएन ने पूरे विश्व में अहिंसा दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया था। यह आतंकवाद के खिलाफ देशों को लड़ने का बल देता था।”
#WATCH South Korea: Prime Minister Narendra Modi greets members of the Indian community at Lotte Hotel in Seoul. He is on a two-day visit to the country. pic.twitter.com/qTUCUEq7tc
— ANI (@ANI) February 21, 2019
यह मोदी का अंतिम दौरा
लोकसभा चुनाव से पहले मोदी का यह अंतिम विदेश दौरा माना जा रहा है। हालांकि, उनके भूटान यात्रा पर भी जाने की चर्चा है, मगर इसके लिए दोनों देशों की ओर से अब तक कोई तारीख तय नहीं की गई है। इस बीच, दक्षिण कोरियाई राजनयिक ने सियोल में कहा कि 2017 में सत्ता पाने के बाद राष्ट्रपति मून ने देश के पारंपरिक फोकस (जिसमें यूएस, जापान, चीन और रूस शामिल है) के अलावा सदर्न पॉलिसी के तहत भारत को भी इसमें शामिल किया था।