मध्य प्रदेश के सतना जिले में स्कूल बस से अगवा किए गए जुड़वां बच्चों के शव मिले हैं. अपहरणकर्ताओं ने दोनों की हत्या कर दी है. दोनों बच्चों के शव यूपी के बांदा से मिले हैं. इस घटना को लेकर चित्रकूट में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. लोगों ने यहां पुलिस की गाड़ी पर पथराव भी किया, जिसके बाद वहां धारा-144 लागू कर दी गई है.
बता दें कि 12 फरवरी को सतना में एक स्कूल बस से इन दो बच्चों का अपहरण किया गया था. बच्चों का नाम देवांश और प्रियांश है. सूत्रों के मुताबिक, अपहरणकर्ताओं ने बच्चों के पिता से 50 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी, जिसके बाद पिता ने उन्हें 20 लाख रुपये दे भी दिया था, लेकिन शनिवार रात बच्चों के शव उत्तर प्रदेश के बांदा में बबेरू इलाके के पास यमुना नदी में मिले.
अपहरणकर्ताओं ने पहचान उजागर होने की आशंका में बच्चों के हाथ-पैर बांध कर यमुना में फेंक दिया. पुलिस ने मामले में 6 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है. जिन छह लोगों को पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार किया है ये पेशेवर अपराधी नहीं हैं, बल्कि संपन्न घरों के लड़के हैं. जिन्होंने जल्द पैसा कमाने के लालच में इस वारदात को अंजाम दिया. गिरफ्तार आरोपियों में एक स्कूल के सुरक्षा गार्ड का बेटा, एक बच्चों कोचिंग पढ़ाने वाला लड़का, एक बीटेक का छात्र और एक पुरोहित का बेटा शामिल है.
इस बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस घटना को बेहद दुखद बताते हुए कहा कि इस घटना ने मुझे झकझोर दिया है. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस मामले में बच्चों के परिजनों से फोन पर बातचीत कर उन्हें सांत्वना दी है. उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर यह घटना बेहद दुखद है. मुझे खुद इस बात का अफसोस है कि हम बच्चों को सकुशल वापस नहीं ला पाए. मेरी पूरी सरकार इस दुख की घड़ी में आपके साथ खड़ी है. हम निश्चित ही दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेंगे.
चित्रकूट से अपहृत दो मासूम देवांश और प्रियांश का शव मिलना अत्यंत दुःखद है। बच्चों के पिता श्री ब्रजेश रावत से फोन पर बात हुई है। मैंने उन्हें भरोसा दिया है कि मासूमों की हत्या करने वाले अपराधियों को हर हाल में कड़ी सजा मिलेगी- श्री कमल नाथ, मुख्यमंत्री@JansamparkMP pic.twitter.com/grGvjuvHiW
— CMO Madhya Pradesh (@CMMadhyaPradesh) February 24, 2019
सरकार का इतना निकम्मापन और नकारापन मैंने कभी नहीं देखा। मेरे समय में अगर अपहरण की घटना होती थी तो शासन-प्रशासन के लोग सोते नहीं थे। मासूमों को सकुशल उनके परिजनों तक पहुँचाकर ही हम चैन की साँस लेते थे।: श्री @ChouhanShivraj pic.twitter.com/AbAIo55VNa
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) February 24, 2019
अभी प्रियांश और श्रेयांश दोनों बेटों के पिता जी से मिलकर आ रहा हूं। अंर्तआत्मा रो रही है, मन दर्द से भरा हुआ है आखिर कोई इतना हृदयहीन कैसे हो सकता है कि मासूम बच्चों को जिनके पिता ने उन्हें बचाने के लिए फिरौती दे दी थी, उनको मारने में हाथ भी न कांपे। pic.twitter.com/gc8NQrwUKJ
— ShivrajSingh Chouhan (@ChouhanShivraj) February 24, 2019
उसी तरह के बयान का प्रभारी मंत्री का देना क्या सिद्ध करता है? क्या ऐसी घटना पर भी घटिया राजनीति की जायेगी। क्या सरकार की सोच इतनी निकृष्ट हो सकती है, अपराधी की कोई जाति, धर्म या पार्टी नहीं होती, अपराधी सिर्फ अपराधी होता है। फिर वो क्यों नहीं पकड़े गये? इन तथ्यों की भी जांच हो।
— ShivrajSingh Chouhan (@ChouhanShivraj) February 24, 2019