नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव से ठीक पहले नरेंद्र मोदी सरकार दलित-आदिवासियों और ओबीसी को साधने की कवायद में है. प्रधानमंत्री आवास पर गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में 13 प्वॉइंट रोस्टर को पलटकर 200 प्वॉइंट रोस्टर सिस्टम लागू करने के लिए अध्यादेश को मंजूरी दे दी गई. माना जा रहा है कि मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल में यह आखिरी कैबिनेट बैठक है. कैबिनेट बैटक के बाद केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने इसकी जानकारी दी.
मोदी सरकार ने 13 प्वाइंट रोस्टर सिस्टम की जगह आरक्षण के पुराने 200 प्वाइंट रोस्टर सिस्टम को बहाल करने के लिए अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. SC/ST/OBC को केंद्रीय विश्वविद्यालयों में पुराने सिस्टम के हिसाब से आरक्षण को बहाल करने को मंजूरी दी गई है. साथ ही 50 नए केंद्रीय विद्यालय बनाने को भी कैबिनेट की मंजूरी दी गई है.
#Cabinet approves proposal for promulgation of “The Central Educational Institutions (Reservation in Teachers’ Cadre) Ordinance, 2019#cabinetdecisions pic.twitter.com/6P5lxWYlx1
— Sitanshu Kar (@DG_PIB) March 7, 2019
अरुण जेटली ने कहा कि 13 प्वाइंट रोस्टर की वजह से विश्वविद्यालयों में कमजोर वर्गों का प्रतिनिधित्व कम हो जाता, इसकी वजह से केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाने का फैसला किया है. जेटली ने कहा कि चीनी उत्पादन के लिए कैबिनेट ने अतिरिक्त फंड को मंजूरी दी है. उन्होंने बताया कि आर्थिक मामलों की केंद्रीय समिति ने पश्चिम बंगाल के नरायणगढ़ और ओडिशा के भद्रक के बीच तीसरे रेलवे लाइन के निर्माण को मंजूरी दे दी.
केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि दिल्ली में जो अनधिकृत कॉलोनियां हैं, उसके लिए दिल्ली के उप राज्यपाल की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई है. यह कमेटी विचार करेगी की जहां लोगों की रिहायश हो गई है वहां लोगों को जमीन का मालिकाना कैसे दिया जाए इस पर विचार किया जाएगा. क्योंकि इन जगहों पर बड़ी आबादी रहती है.
Union Ministers @arunjaitley and @rsprasad to brief media on today’s #CabinetDecisions at PIB Conference Hall, Shastri Bhavan, New Delhi.
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— PIB India (@PIB_India) March 7, 2019
इन पर भी लगी कैबिनेट की मुहर
- कैबिनेट ने घाटे में चल रहे थर्मल पावर प्रोजेक्ट को राहत देने का फैसला किया है. मंत्रियों के समूह की सिफारिश को मंजूरी दी गई है. वित्त मंत्री अरुण जेटली की अगुवाई में मंत्रियों का समूह बना था.
- हाइड्रो पावर सेक्टर को बढ़ावा देने लिए अहम फैसला लिया गया है. हाइड्रो पावर सेक्टर को रिन्यूएबल एनर्जी का दर्जा दिया जाएगा. अब ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट के लिए मिलने वाले फंड का इस्तेमाल हाइड्रो पावर कंपनी कर सकेंगी.
- चेनाब वैली पावर प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड में NHPC के निवेश को मंजूरी
- सिक्किम में 500 MW के Lanco तीस्ता हाइड्रो प्रोजेक्ट के अधीग्रहण को मंजूरी
- बिहार के बक्सर में 660MW के दो तीन थर्मल पावर प्लांट को मंजूरी
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उत्तर प्रदेश के खुर्जा में सुपर थर्मल पावर प्लांट (1320MW) शुरू करने के लिए निवेश को मंजूरी
- मध्य प्रदेश में अमेनिया कोल माइंस में काम शुरू करने के लिए निवेश को मंजूरी
- दिल्ली मेट्रो प्रोजेक्ट फेज 4 को मंजूरी. फेज 4 के तहत दिल्ली के एरोसिटी से तुगलकाबाद, आरके आश्रम से जनकपुरी पश्चिम, मुकुंदपुर से मौजपुर तक मेट्रो लाइन को मंजूरी.
विश्वविद्यालयों की नौकरियों में दलित, आदिवासियों और ओबीसी के लिए आरक्षण लागू करने के नए तरीके 13 प्वॉइंट रोस्टर के लेकर मोदी सरकार के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे थे. दलित-आदिवासियों और ओबीसी संगठनों ने पांच मार्च को भारत बंद किया था. इनकी मांग थी कि 200 प्वॉइंट रोस्टर सिस्टम को लागू किया जाए जिसे केंद्र सरकार ने मान लिया है और 13 प्वाइंट रोस्टर को खत्म करने के लिए अध्यादेश को मंजूरी दे दी.
13 प्वॉइंट रोस्टर को लेकर बढ़ती नाराजगी को देखते हुए मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉफ्रेंस करके भरोसा दिलाया था कि सरकार इस मसले पर गंभीर है और अध्यादेश लाने के बारे में विचार कर रही है. उन्होंने कहा था कि मोदी सरकार हमेशा सामाजिक न्याय के पक्ष में है. सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका खारिज होने के बाद हमने अध्यादेश लाने का फैसला किया है.
बता दें कि जनवरी 22 को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए 200 प्वॉइंट रोस्टर सिस्टम हटाने के आदेश दिए थे. इसकी जगह 13 प्वॉइंट रोस्टर सिस्टम लागू करने को कहा गया था. इसके बाद केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका लगाया था, जिसे कोर्ट ने रिजेक्ट कर दिया.
इसके बाद से दलित-ओबीसी और आदिवासी संगठन 13 पॉइंट रोस्टर को लेकर विरोध कर रहे हैं. इनकी मांग है कि 200 पॉइंट रोस्टर सिस्टम को लागू किया जाए.
दरअसल, 200 प्वॉइंट रोस्टर सिस्टम के तहत पूरी यूनिवर्सिटी को एक यूनिट की तरह देखा जाता है. इस नियम के तहत 200 पदों में से 99 पद एससी(SC) एसटी(ST) और ओबीसी (OBC) के लिए आरक्षित और बची 101 सीटें अनारक्षित होती थी. लेकिन, 13 प्वॉइंट रोस्टर तहत यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट को एक यूनिट के रूप में स्थापित किया जाता है. इसके तहते हर विभाग के लिए निकलने वाली नौकरियों को आरक्षण के दायरे में रखा जाता है. इस नियम के तहत दलित और पिछड़ी जातियों के लिए आरक्षित सीटें कम हो जाती है.