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आप स्वास्थ्य के बारे में ज्यादा जानते हैं, मैं राजनीति के बारे में : राहुल गांधी

रायपुर : कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में निजीकरण का मैं विरोधी हूं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के लिए पूरा का पूरा नेटवर्क बनाना पड़ेगा। हेल्थ पर हमारे पास कुछ अच्छे मॉडल हैं। हेल्थ और पढ़ाई पर कांग्रेस का फोकस रहेगा। कम खर्च में अच्छी पढ़ाई देने की जरूरत है।  उन्होंने कहा कि हमारे मेनिफेस्टो में भी हेल्थ को लेकर फोकस रहेगा। राहुल ने कहा, आप लोगों से मैं सुझाव लेने के लिए आया हूं। कांग्रेस अध्यक्ष शुक्रवार को यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम को लेकर एक होटल में आयोजित सेमिनार में बोल रहे थे।

राहुल ने विशेषज्ञों से कहा मेरे पास सब सवालों के जवाब नहीं हैं। मैं आपसे सुनकर समझकर काम करना चाहता हूं। आप लोग इस फील्ड से हैं। मेरे पास परिकल्पना है। आयुष्मान भारत योजना को लेकर राहुल गांधी ने कहा, आप इंश्योरेंस दे रहे हो, लेकिन अस्पतालों में बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं। मुझे लगता है कि पूरा नेटवर्क हर राज्य में बनाना होगा।

विशेषज्ञों से चर्चा में कहा कि मैं इस एटिट्यूड से नहीं आया हूं कि मेरे पास सारे सवालों का जवाब है। आप मुझसे ज्यादा जानते हैं और मैं पॉलीटिक्स के बारे में आप से ज्यादा जानता हूं। राहुल गांधी ने कहा कि मैं अपने नेताओं से कहता हूं की वो ज्यादा से ज्यादा जनता के प्रति संवेदनशील बनें।

कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी शामिल हुए हैं। लोकसभा चुनाव के लिए तारीखों के ऐलान के बाद कांग्रेस अध्यक्ष का यह पहला छत्तीसगढ़ दौरा है। कार्यक्रम में शामिल होने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष ओडिशा रवाना हो जाएंगे। फिलहाल यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम पर राहुल गांधी चर्चा कर रहे थे। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी एनजीओ से बात की और इस दौरान  सामाजिक संगठन और एनजीओ ने उनसे सवाल पूछे।

इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि हम यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम पर हम काम कर रहे हैं। जैसा कि कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में कहा था। उन्होंने कहा कि पब्लिक का पैसा बीमा कंपनियों को नहीं जाने देंगे। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ से1100 रुपये प्रति व्यक्ति बीमा कंपनियों को जाता था। उन्होंने कहा कि सभी नागरिकों को समाज के सबसे उच्चत्तम से लेकर आखरी पायदान तक के व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने का लक्ष्य है।

स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने कहा है कि राइट टू एजुकेशन की तर्ज पर देश में 2030 तक राइट टू हेल्थ लागू किया जा सकता है। कांग्रेस सरकार और प्रतिनिधि राज्य में यूनिवर्सल हेल्थ स्किम को लागू करेंगे यह संकल्प है। उन्होंने कहा कि देश में  60 फीसदी लोग अपनी जेब से स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए दे रहे हैं। यह खर्च आउट ऑफ पॅाकेट है यानी कि कहीं ज्यादा है। उन्होंने कहा कि 75 से 85 फीसदी लोगों को प्राथमिक उपचार की जरूरत है।

उनको अगर हम गांव में ही यह सुविधा मितानिनों या स्वास्थ्य केंद्र के माध्यम से करा दें तो उनको उपचार के लिए कहीं दूर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। न ही उनका स्वास्थ्य बिगड़ेगा और न ही उनको आने जाने का खर्च वहन करना होगा। डब्ल्यूएचओ के तहत राइट टू हेल्थ सभी को मिलना चाहिए। बीमारी से लोगों की आर्थिक समस्या बढ़ रही है।
इसके अलावा 75 से 85 प्रतिशत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की जरूरत पड़ती है। 10-12 प्रतिशत को सेकंड लेवल के उपचार की जरूरत है। इसके अलावा 42 % खर्चा तीसरे स्तर पर इलाज के लिए लगता है। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सल हेल्थ केअर को अपनाना चाहिए। टीएस सिंहदेव ने कहा कि केंद्र सरकार आयुष्मान भारत में 5 लाख की बात करते है लेकिन 50 हजार दे रहा है और इसका प्रीमियम 1100 है।

 

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