नई दिल्ली : कोई भी शख्स अपने फ्लैट या घर की बालकनी पर खड़े होकर चिड़ियों को दाना नहीं डाल सकता। ऐसा करने से किसी भी रिहायशी सोसायटी के अन्य लोगों को चिड़ियों की लीद और दानों के चलते फैले कूड़े से समस्या होती है। शीर्ष अदालत ने एक मामले की सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की है। अदालत ने कहा कि किसी भी फ्लैट मालिक को सोसायटी और आरडब्ल्यूए के नियमों का पालन करना होगा।
शीर्ष अदालत ने एक महिला के मुंबई की एक हाईराइज बिल्डिंग में चिड़ियों को दाना डालने पर लगी रोक के फैसले में दखल से इनकार कर दिया। जस्टिट यू.यू ललित और इंदु मल्होत्रा की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा, ‘यदि आप एक रेजिडेंशल सोसायटी में रहते हैं तो फिर आपको उसके नियमों का पालन करना होगा।’
याचिकाकर्ता जिगीशा ठाकोर की ओर से पेश वकील ने कहा कि यह लोगों के लिए परेशानी पैदा करने या बाधा पहुंचाने का मामला नहीं है बल्कि कारोबारी संबंधों में तनाव के चलते यह केस लोअर कोर्ट में दायर किया गया था।
बॉम्बे सिटी सिविल कोर्ट ने 27 सितंबर, 2013 को दिए एक आदेश में महिला पर फ्लैट की बालकनी से चिड़ियों को दाना डालने पर रोक लगा दी थी। महिला ने इसके बाद इस आदेश को बॉम्बे हाई कोर्ट में भी चुनौती दी थी, लेकिन वहां भी महिला की याचिका को खारिज कर दिया गया था।