भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आरएसएस के मुख्यालय से सुरक्षा हटाने का मामला गरमा गया है। भोपाल के आरएसएस कार्यालय पर पिछले 15 साल से एस.ए.एफ के जवान सुरक्षा के लिए तैनात थे, लेकिन राज्य में कांग्रेस सरकार बनने के बाद इन सुरक्षाकर्मियों को हटा दिया गया। बीजेपी और आरएसएस के साथ-साथ कांग्रेस के कुछ नेताओं ने भी राज्य सरकार के इस कदम की आलोचना की है।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आरएसएस कार्यालय से सुरक्षा हटाने के मसले पर सियासत गरमा गयी है । आरएसएस कार्यालय समिधा भवन में पिछले 15 साल से तैनात SAF जवानों को देर रात हटा दिया गया और इनके तंबू भी उखाड़ दिए गए । कमलनाथ सरकार के इस फैसले का बीजेपी और आरएसएस ने कडा विरोध किया है।
बीजेपी और संघ तो इस फैसले का विरोध कर ही रहे हैं कांग्रेस में इस फैसले का विरोध शुरु हो गया। कांग्रेस महासचिव और भोपाल से पार्टी के उम्मीदवार दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री कमलनाथ से संघ कार्यालय की सुरक्षा न हटाने की अपील की।
दिग्विजय सिंह ने कहा- भोपाल राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ कार्यालय से सुरक्षा हटाना बिल्कुल उचित नहीं है मैं मुख्य मंत्री कमल नाथ जी से अनुरोध करता हूँ कि तत्काल पुन: पर्याप्त सुरक्षा देने के आदेश दें।
बीजेपी ने दिग्विजय के इस ट्वीट को कमलनाथ ओर दिग्गी के बीच नूरा कुश्ती बताया।
हालांकि स्थानीय पुलिस ने सफाई दी कि पहले संघ प्रमुख अक्सर यहां रहते थे इसलिए कार्यालय के बाहर चौकी बनाई गई थी। और भविष्य में वीवीआईपी मूवमेंट होगा तो सुरक्षा रखी जायेगी। विरोध बढता देख मुख्यमंत्री कमलनाथ ने फौरन ही आदेश वापस ले लिया।
कमलनाथ ने एक बयान में कहा – मैने अधिकारियों को तुरंत ही निर्देश दिये है कि आरएसएस कार्यालय पर पुनः सुरक्षा व्यवस्था की जाए।
Madhya Pradesh: State government restores security cover at RSS office in Bhopal; it was removed from outside RSS office yesterday. pic.twitter.com/ewYLXNzvB6
— ANI (@ANI) April 3, 2019
कमलनाथ ने भले ही फैसला वापस ले लिया हो लेकिन इस पूरे प्रकरण से एक बार फिर राज्य में कांग्रेस के अंदरुनी मतभेद उजागर हो गए।