नई दिल्ली : सरकार ने दुश्मनों के 4.43 करोड़ शेयर बेचकर 1150 करोड़ रुपए हासिल किए हैं। ये शेयर आईटी कंपनी विप्रो के थे। केंद्र सरकार की संस्था द कस्टडियन ऑफ एनेमी प्रॉपर्टी फॉर इंडिया के जरिए शेयर बेचे गए। जो लोग 1968 से पहले पाकिस्तान या चीन में जाकर बस गए और भारत के नागरिक नहीं रहे उनकी प्रॉपर्टी कानून के मुताबिक दुश्मनों की संपत्ति (एनेमी प्रॉपर्टी) मानी जाती है।
दुश्मनों के शेयर बेचने की प्रक्रिया को पिछले साल मिली थी मंजूरी
द कस्टडियन ऑफ एनेमी प्रॉपर्टी फॉर इंडिया दुश्मनों की प्रॉपर्टी और शेयरों का हिसाब-किताब रखती है। पिछले साल नवंबर में सरकार ने भारतीय कंपनियों में दुश्मनों के शेयरों बेचने की प्रक्रिया मंजूर की थी।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के गुरुवार के आंकड़ों के मुताबिक सरकार ने 258.90 रुपए के भाव पर शेयर बेचे। इससे मिली रकम का इस्तेमाल समाज की भलाई के कामों में किया जाएगा।
एनेमी प्रॉपर्टी एक्ट 1968 के मुताबिक ऐसी संपत्तियां जो किसी दुश्मन की हैं या फिर उसके लिए मैनेज की जा रही हों वो दुश्मनों की संपत्ति मानी जाती हैं। इनकी बिक्री से मिलने वाली रकम सरकार के विनिवेश खाते में जमा होती है। 1960 के दशक में चीन और पाकिस्तान से टकराव के बाद एनेमी प्रॉपर्टी एक्ट 1968 लागू किया गया था।