नई दिल्ली/भोपाल : संघ लोक सेवा आयोग ने शुक्रवार को सिविल सेवा परीक्षा 2018 का मुख्य परीक्षा परिणाम जारी कर दिया।
UPSC की फाइनल परीक्षा में ऑल इंडिया फर्स्ट रैंक लाने वाले शख्स ने अपनी सफलता में गर्लफ्रेंड को भी क्रेडिट दिया है. कनिष्क कटारिया ने कहा कि वे पैरेंट्स, बहन के साथ-साथ गर्लफ्रेंड को मदद और मोरल सपोर्ट करने के लिए धन्यवाद देते हैं. सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने इसे ऐतिहासिक करार दिया है. कई यूजर्स ने कमेन्ट करते हुए लिखा कि ऐसा पहली बार है, जब कोई यूपीएसएसी टॉपर अपनी गर्लफ्रेंड को खुलकर क्रेडिट दे रहा है.
Kanishak Kataria, AIR 1 in #UPSC final exam: It’s a very surprising moment. I never expected to get the 1st rank. I thank my parents, sister & my girlfriend for the help & moral support. People will expect me to be a good administrator & that’s exactly my intention. #Rajasthan pic.twitter.com/IBwhW8TJUs
— ANI (@ANI) April 5, 2019
कनिष्क ने पहले अटेंप्ट में ही यह कारनामा कर दिखाया है. 26 साल के कनिष्क कटारिया आईआईटी मुंबई से पढ़ाई कर चुके हैं. आईआईटी से पढ़ाई के बाद कनिष्क ने दक्षिण कोरिया और बंगलुरु में नौकरी की. उसके बाद साल 2017 मार्च में वो जयपुर आए और सिविल सर्विसेज की परीक्षा में जुट गए. मैथ्स सब्जेक्ट से आईएएस करने वाले कनिष्क ने आईआईटी मुंबई से कंप्यूटर साइंस से पढ़ाई की थी.
बता दें कि वहीं भोपाल से इस परीक्षा में सृष्टि देशमुख ने ऑल इंडिया में पांचवी रैंक लेकर महिलाओं में अव्वल स्थान हासिल किया है। सृष्टि ने 2018 में केमिकल इंजीनियरिंग पूरी की और अब पहले ही प्रयास में इस परीक्षा को पास किया है।
Madhya Pradesh: Family of Srushti Jayant Deshmukh, all India rank 5 and topper among women candidates in #UPSC final exam, celebrate at their residence in Bhopal. This was her first attempt at taking the exam. She says, “It was my childhood dream.” pic.twitter.com/z6iKGTsGF0
— ANI (@ANI) April 5, 2019
इस बार फाइनल रिजल्ट में 759 परीक्षार्थी परीक्षा पास करने में कामयाब हुए. इनमें जनरल कैटेगरी के 361, ओबीसी के 209, एससी के 128 और एसटी के 61 परीक्षार्थी शामिल हैं. इस बार शीर्ष 25 में 15 पुरुष परीक्षार्थी और 10 महिला परीक्षार्थी का नाम शामिल है.
जब एक महिला सशक्त होती है तो कई पीढ़ियां संवर जाती हैं
बतौर सिविल सर्विसेंट मेरा फोकस स्कूल और शिक्षा पर होगा। महिला सशक्तीकरण पर भी काम करूंगी, क्योंकि जब एक महिला सशक्त होती है तो परिवार और कई पीढ़ियों संवर जाती हैं। – सृष्टि
इरादे ऐसे- आईएएस अफसर ही बनना था, इसलिए न कोई सीवी तैयार किया न किसी कैंपस प्लेसमेंट में हिस्सा लिया
सृष्टि देशमुख की सफलता की कहानी, उन्हीं की जुबानी…
मेरे दिमाग में आईएएस बनने की धुन इस कदर हावी थी कि मैंने कॉलेज के दौरान कैंपस प्लेसमेंट में हिस्सा नहीं लिया, न सीवी तैयार किया। किसी कंपनी को एप्रोच नहीं किया, क्योंकि मन में ठान रखा था प्लेसमेंट नहीं चाहिए। और मैं तैयारी करती चली गई, सफल हुई। जब आप तैयारी शुरू करते हैं तो कई आंकड़े आपके सामने आते हैं। मैंने टेस्ट सीरीज में पढ़ा था कि मप्र में 15 से 30 हजार स्कूल ऐसे हैं जहां सभी बच्चों के लिए सिर्फ एक टीचर है। यह बात मेरे दिमाग में घर कर गई। मैंने सोचा… मैं इस स्थिति को बदलने के लिए क्या कर सकती हूं। यहीं से मोटिवेशन मिला। इंजीनियरिंग चुना ताकि बैकअप तैयार रहे।
भोपाल में रहकर किया टॉप :ज्यादातर लोग सिविल सर्विसेस की तैयारी के लिए दिल्ली का रुख करते हैं। मैंने सोचा जब कॉलेज भोपाल से किया तो तैयारी भी यहीं से करूंगी। इस दौरान कभी स्टडी मटेरियल नहीं मिला तो कहीं कोचिंग क्लास नहीं मिली। मुझे इंटरनेट ने मदद की। नॉलेज, टेस्ट सीरिज, क्लासेस सबकुछ इंटरनेट पर है।
Srushti Jayant Deshmukh: UPSC exam is a long journey where you are committed for 1-1.5 years. My parents, family, friends & teachers supported me, so the credit goes to them. I had decided that my first attempt is my last attempt & I was determined to clear it in one attempt. pic.twitter.com/AwgxbphTZh
— ANI (@ANI) April 5, 2019
मप्र कैडर लूंगी : मैंने मप्र कैडर का प्रिफरेंस भरा था। जो रैंक आई है उससे मप्र कैडर में ही आईएएस अफसर बन जाऊंगी।
दोधारी तलवार है इंटरनेट : इंटरनेट दोधारी तलवार है। मैंने सोशल नेटवर्किंग साइट्स से खुद को दूर रखा। व्हॉट्सएप, फेसबुक-टि्वटर बंद कर दिया। फ्रेंड्स से नहीं मिलती थी, पार्टी नहीं जाती थी। दोस्त ताने भी मारते थे कि मैं सोशली कट रही हूं, लेकिन मन में लगता था- आज पढ़ लूंगी तो शायद कुछ अच्छा कर पाऊं।
तैयारी का तरीका
परीक्षा के लिए बहुत सब्जेक्ट होते हैं, अलग-अलग किताबें पढ़नी होती हैं। लेकिन मैंने हमेशा यूपीएससी सिलेबस में दिए विषयों के आधार पर तैयारी की। पिछले वर्षों के प्रश्न पत्र पढ़ती रही, ताकि पता चले कि किस तरह के सवाल पूछे जाते हैं। इन सबसे समय पर जवाब लिखने का अच्छा अभ्यास भी हुआ। इस परीक्षा में केमिस्ट्री होती है, केमिकल इंजीनियरिंग नहीं, इसलिए मैंने सोश्योलॉजी को एक विषय के तौर पर चुना।
इंटरव्यू में पूछा गया सवाल
सवाल- इतनी यंग हो, तो क्या चैलेंजेस हो सकते हैं और उन्हें कैसे फेस करोगे?
जवाब- यंग हूं, लड़की हूं तो शायद अपने फैसलों को मनवाना मेरे लिए चुनौतीपूर्ण होगा, लेकिन मैं उस पर होमवर्क करूंगी।
ये हैं टॉपरों की लिस्ट
1. कनिष्क कटारिया
2. अक्षत जैन
3. जुनैद अहमद
4. श्रवण कुमात
5. सृष्टि जयंत देशमुख
6. शुभम गुप्ता
7. कर्नाटी वरूणरेड्डी
8. वैशाली सिंह
9. गुंजन द्विवेदी
10. तन्मय वशिष्ठ शर्मा
Akshat Jain, All India Rank 2 in #UPSC final exam: I want to give credit for this achievement to God, my family & my friends, for always supporting me. I had to study a lot, but it doesn’t mean that I was working like a machine. I used to take breaks & go out with my friends pic.twitter.com/uJSRza7iB9
— ANI (@ANI) April 5, 2019
Junaid Ahmad, All India Rank 3 in #UPSC final exam: I had a few books suggested by seniors, that helped in creating a base. But internet helps you a lot, everything is available online. Productive use of internet helped me. I expected to be in the list but never expected 3rd rank pic.twitter.com/CrooJgmK7F
— ANI (@ANI) April 5, 2019
UPSC सिविल सेवा परीक्षा के इंटरव्यू में फेल होने पर भी मिलेगी नौकरी
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की ओर से आयोजित कराई जाने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं को पास कर साक्षात्कार तक पहुंचने वाले अभ्यर्थियों के लिए खुशखबरी है। यूपीएससी के चेयरमैन अरविंद सक्सेना ने बीते दिनों भारत सरकार को यह प्रस्ताव दिया था कि वह अभ्यर्थी जो प्रशासनिक सेवा या अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं को पास करने के बाद साक्षात्कार तक पहुंच जाते हैं उन्हें सरकार के मंत्रालयों में आवश्यकतानुसार नियुक्त किया जा सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार अगर सरकार यूपीएससी का यह प्रस्ताव स्वीकार कर लेती है तो उन लोगों को नौकरी मिल सकती है जो प्रतियोगी परीक्षाओं में साक्षात्कार के दौरान छंट जाते हैं। यूपीएससी की सिफारिश है कि जैसा कि ये उम्मीदवार पहले से ही सख्त स्क्रीनिंग प्रक्रिया से गुजरते हैं, सरकार और अन्य संगठन उन्हें नौकरियों के लिए विचार कर सकते हैं। कहा गया है कि यूपीएससी सिविल सेवा के उम्मीदवारों के लिए परीक्षा के तनाव को कम करने में मदद करेगा।