मांडू/धार: मध्यप्रदेश के मांडू से महेश्वर जा रही तीर्थयात्रियों की बस रविवार दोपहर नागदा-गुजरी हाईवे स्थित तारापुर घाटी में ब्रेक फेल होने से दुर्घटनाग्रस्त हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बस 500 फीट नीचे खाई में गिर जाती, अगर 140 फीट पर उसे नीम का एक पेड़ नहीं रोकता। नीचे गिरते वक्त बस ने करीब 23 बार पलटी खाई। बस में 60 लोग सवार थे। सभी लोगों को मामूली चोटें आईं।
सभी यात्री मंदसौर जिले के हैं। भूतड़ी अमावस्या पर ओंकारेश्वर, महेश्वर, मांडू और जीरापुरा की तीर्थ यात्रा पर निकले थे। यात्रियों ने बताया कि हादसे के दौरान ड्राइवर श्यामलाल (40) बस से कूद गया।
इस हादसे में बच गए यात्रियों ने कहा कि हम सभी अप्रत्याशित रूप से बच गए। भगवान ने हमारी जान बचाई। एक पेड़ सहारा बना। यह पेड़ नहीं होता तो शायद ही कोई बचता। इसलिए हम संकल्प लेते हैं कि हर साल एक पौधा लगाएंगे। उसकी देखरेख भी करेंगे।
राजगढ़ के रहने वाले प्रत्यक्षदर्शी बलराम ने बताया कि मैं सड़क पर केबल लाइन खुदवा रहा था। इसी दौरान एक बस तेजी से आई, उसे देखकर हमारी पूरी टीम मौके से भागी। कुछ ही पलों में बस खाई में जा गिरी। बलराम ने बताया कि बस चालक ने एकदम ब्रेक लगाए, लेकिन वह रोकने में कामयाब नहीं हुआ। इससे बस खाई में पलटियां खाने लगी। कई पेड़ टूट गए, हमें लगा हादसे में कोई नहीं बचेगा। गनीमत रही कि बस एक पेड़ की वजह से अटक गई अन्यथा कई लोगों की जान चली जाती।
पुलिस ने बताया कि बस में 60 लोग सवार थे। दुर्घटना में 55 लोग जख्मी हैं। इनमें 33 पुरुष, 5 बच्चे, 17 महिलाएं शामिल हैं। घायलों में माधोपुर रतलाम के 34, उज्जैन के तीन, मंदसौर के पांच, ताल के तीन, झालावाड़ का एक, आलोट दो, विक्रमगढ़ एक, धामनोद एक और माधोपुर के पांच व्यक्ति शामिल हैं।