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सरकार को सूचना दिए बगैर जांच एजेंसी ने कार्रवाई की, यह संघीय ढांचे पर बड़ा प्रहार : पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह

भोपाल : मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबियों पर तीन दिन से जारी आयकर विभाग की छापेमारी पर पूर्व मुख्यमंत्री और भोपाल लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह ने सवाल खड़े किए हैं। राजधानी में मंगलवार को पंजीयन भवन में अपने चुनाव कार्यालय के उद् घाटन के बाद उन्होंने मीडिया से चर्चा में कहा कि यह कार्रवाई देश की संघीय व्यवस्था पर बड़ा आघात है। केंद्र सरकार की एजेंसियां ऐसी कार्रवाई करने के पहले राज्य सरकार को सूचित करती हैं, यह व्यवस्था है।

लेकिन, हाल के मामले में आयकर विभाग सीधा सीआरपीएफ अमले को साथ लेकर कार्रवाई में जुट गई, वो भी राज्य सरकार को बिना सूचना दिए। यह संघीय ढांचे पर आघात है। ऐसी कार्रवाई में 90 दिन तक केंद्रीय एजेंसियां कुछ भी सार्वजनिक नहीं करतीं, लेकिन केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कुछ घंटे में ही सब कुछ सार्वजनिक कर दिया।

ऐसे में सीबीडीटी की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े होते हैं।  उन्होंने कहा कि जिसके यहां छापा पड़ा और करोड़ों रुपए नगद मिले, वह खुद कह रहा है कि मैं भाजपा का समर्थक हूं। देश की जनता सब देख रही है और लोकसभा चुनाव में वह ऐसा करने वालों को सख्त जवाब देगी।

दिग्विजय ने जारी की अपने चुनाव की थीम ‘आपकी हिस्सेदारी, मेरी जिम्मेदारी’
दिग्विजय ने बताया कि वे 19 अप्रैल को भोपाल संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर अपना नामांकन पत्र भरेंगे। इसके अगले दो दिन में वे अपना विजन पेश करेंगे, जिसके जरिए बताया जाएगा कि वे भोपाल को भविष्य में किस रूप में देखना चाहते हैं। दिग्विजय के चुनाव प्रचार की थीम होगी- ‘आपकी हिस्सेदारी, मेरी जिम्मेदारी।’ इससे पहले उन्होंने पीसीसी में भोपाल शहर, ग्रामीण और सीहोर जिले के कांग्रेस जिलाध्यक्षों की बैठक ली। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे 12 मई तक का समय उन्हें दें, 23 मई के बाद उनका पूरा समय कार्यकर्ताओं और जनता के लिए रहेगा।

मंत्री वर्मा बोले- भाजपा बदले की कार्रवाई कर रही
लोक निर्माण मंत्री सज्जनसिंह वर्मा ने इंदौर में मंगलवार को कहा कि देश की जनता समझ चुकी है कि भाजपा बदले की कार्रवाई करती है। तथ्य कुछ नहीं है लेकिन मशीनरी, संवैधानिक संस्थाओं को उपयोग हथियार के रूप में कर रही है।  अब समय बदल रहा है। यह बात उन संस्थाओं और चुनाव आयोग को भी समझ लेना चाहिए। इस बार केंद्र में मोदी की सरकार नहीं बन रही है।

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