- प्रदेश, स्थानीय

ई-टेंडर घोटाले के बाद अब माखनलाल विवि की गड़बड़ियों पर होगी एफआईआर

भोपाल: तीन हजार करोड़ के कथित ई-टेंडर घोटाले में एफआईआर कराने के बाद कमलनाथ सरकार की नजर अब माखनलाल पत्रकारिता विवि में हुई आर्थिक गड़बड़ियों पर है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि पिछली भाजपा सरकार में न केवल अनाप-शनाप पैसे बांटे गए, बल्कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा के लोगों को फायदा भी पहुंचाया गया।

जम्मू-कश्मीर अध्ययन केंद्र को कई बार और कई तरह के कार्यक्रमों में लाभ पहुंचाया गया। यह राशि करीब छह लाख रुपए तक है। संघ के विचारकों के लिए ज्ञान संगम सेमिनार आयोजित कराया गया, जिसमें 9 लाख रुपए खर्च किए गए।

दतिया-अमरकंटक में हर माह 60 हजार रुपए का भुगतान :
सूत्रों का कहना है कि दतिया और अमरकंटक में एक निजी कैंपस में विवि का संचालन हो रहा है। इसके लिए 60 हजार रु. प्रतिमाह का किराया भरा गया, जो कथित रूप से भाजपा के एक नेता के खाते में गया। इसे राजनीतिक सहयोगियों को खुश करने के लिए खोला गया।

संचार के नाम पर राकेश सिन्हा को दिए 10 लाख :
रीवा कैंपस का निर्माण 40 करोड़ रु. में बनाया जा रहा है। संघ की विचारधारा से जुड़े राकेश सिन्हा को 10 लाख रु. का भुगतान किया गया। यह भुगतान संचार के नाम पर किया गया, जबकि उनका जुड़ाव राजनीतिक विज्ञान से रहा। भारतीय शिक्षण मंडल को शिक्षा नीति बनाने के लिए चार लाख रुपए का भुगतान कर दिया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *