नई दिल्ली : बीजेपी नेता और सांसद मीनाक्षी लेखी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के राफेल डील को लेकर दिये गए एक बयान के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की है. सुप्रीम कोर्ट मीनाक्षी लेखी की याचिका पर सुनवाई के लिए भी तैयार हो गया है. 15 अप्रैल को मामले में सुनवाई होगी. लेखी का आरोप है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के हवाले से ये बयान दिया है कि ‘सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है कि चौकीदार चोर है’ और उन्होंने इसी बयान पर अवमानना याचिका दाखिल की है. आपको बता दें कि राफेल डील को लेकर कांग्रेस और भाजपा लगातार आमने-सामने हैं. दोनों दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है. आपको बता दें कि 2 दिन पहले ही राफेल डील मामले में केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट की ओर से बड़ा झटका लगा था.
BJP MP Meenakshi Lekhi in her plea said Gandhi has attributed his personal remarks to the top court and tried to create prejudice. https://t.co/83dKlVKedC
— News18 Elections (@News18Politics) April 12, 2019
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की उन प्रारंभिक आपत्तियों को खारिज कर दिया, जिसमें सरकार ने याचिका के साथ लगाए दस्तावेजों पर विशेषाधिकार बताया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राफेल मामले में रक्षा मंत्रालय से फोटोकॉपी किए गोपनीय दस्तावेजों का परीक्षण करेगा. केंद्र ने कहा था कि गोपनीय दस्तावेजों की फोटोकॉपी या चोरी के कॉपी पर कोर्ट भरोसा नहीं कर सकता. यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बैंच ने सहमति से सुनाया है. बता दें, केंद्र सरकार की ओर से कहा गया था कि दस्तावेज याचिका के साथ दिए गए हैं, वो गलत तरीके से रक्षा मंत्रालय से लिए गए हैं, इन दस्तावेजों पर कोर्ट भरोसा नहीं कर सकता.
याचिकाकर्ता अरुण शौरी ने राफेल पुनर्विचार याचिका पर आये निर्णय पर कहा, हम दस्तावेजों की स्वीकार्यता पर केंद्र के तर्क को सर्वसम्मति से खारिज करने के आदेश से खुश हैं. सरकार ने दावा किया था कि 14 दिसंबर, 2018 के कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार के लिए दिए गए दस्तावेजों पर उसका विशेषाधिकार है. सरकार ने कहा था कि याचिका की सुनवाई के लिए इन दस्तावेजों पर कोर्ट संज्ञान ना ले. पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा, पत्रकार से नेता बने अरुण शौरी और सामाजिक कार्यकर्ता-वकील प्रशांत भूषण की तरफ से दायर याचिका को खारिज करने की सरकार ने मांग की थी.