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ई-टेंडर घोटाले में मामला दर्ज होते ही कुसुम महदेले ने शिवराज का लिया नाम

भोपाल : ई-टेंडर घोटाले में प्रकरण दर्ज होते ही तत्कालीन पीएचई मंत्री कुसुम सिंह महदेले ने तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर ठीकरा फोड़ दिया है। उन्होंने कहा है कि घोटाले की फाइल को उन्होंने नहीं, बल्कि शिवराज ने ही मंजूरी दी थी। टेंडर पीएचई से नहीं, बल्कि जल निगम से जारी हुए थे, जिसके अध्यक्ष शिवराज ही थे। पीएचई और ग्रामीण विकास मंत्री और एक अन्य मंत्री को उपाध्यक्ष बनाया गया था।

उन्होंने स्पष्ट किया कि निगम की किसी भी फाइल पर मेरे हस्ताक्षर नहीं है। इस मामले में ईओडब्ल्यू ने टेंडर लेने वाली दो कंपनियों ह्यूम पाइप लिमिटेड और जीएमसी लिमिटेड के मालिक व निदेशकों पर प्रकरण दर्ज कर लिया है।

घोटालों की छानबीन से भाजपा में हड़कंप: शोभा

प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने आरोप लगाया है कि भाजपा शासनकाल में ई-टेंडरिंग घोटाले की छानबीन शुरू होते ही पूरी भाजपा में हड़कंप मच गया। उन्होंने कहा कि जल निगम के तीन टेंडरों में छेड़छाड़ को लेकर एफआईआर की गई है।

इन टेंडरों की राशि करीब 1800 करोड़ रुपए है। ओझा ने कहा कि व्यापमं, डंपर, पोषण आहार, पौधरोपण, सिंहस्थ एवं अवैध उत्खनन घोटालों की जांच रिपोर्ट पेश होंगी तो कई नेताओं ने नाम भी सामने आएंगे। कांग्रेस सरकार हर घोटाले की जांच कराकर आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाएगी।

 

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