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दिवालिया होती अर्थव्यवस्था के बीच पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने दिया इस्तीफा

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के वित्त मंत्री असद उमर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। दिवालिया होती देश की अर्थव्यवस्था नहीं संभलने के बीच उनको पद से हटाने की बात चल रही थी। प्रधानमंत्री इमरान खान उनको उर्जा मंत्री बनाना चाह रहे थे। उमर ने सोशल मीडिया पर ट्वीट करते हुए अपने फैसले के बारे में जानकारी दी। डॉन अखबार के मुताबिक उमर ने कहा है कि वक्त आ गया है कि देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए कड़े फैसले लिए जाएं।  उमर ने अपने संदेश में लिखा कि उनको उम्मीद है कि इमरान खान पाकिस्तान के लिए जरूरी हैं और वो नया पाकिस्तान बनाकर रहेंगे।

पुलवामा हमले के करीब दो महीने बाद पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स के अनुसार, आज वहां महंगाई दर 9.4 फीसदी है। पाकिस्तान की जनता आज महंगाई के कारण परेशान है। पाकिस्तान में महंगाई ने लोगों की कमर तोड़ रखी है। बिजली, रसोई गैस, पेट्रोल, डीजल, सब्जियां और दूध की कीमतें एक दम आसमान पर पहुंच गई हैं।

मंहगाई की मार झेल रही पाकिस्तान की जनता के लिए परेशानी खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। यहां सब्जियों, पेट्रोल, डीजल आदि चीजों की पहली ही कीमतें काफी ज्यादा थी, अब पाकिस्तान की आवाम की हालत और भी खराब हो गई है। दूध के बढ़े दामों ने उसकी परेशानी को और ज्यादा बढ़ाने का काम किया है।

कराची डेयरी फार्मर्स एसोसिएशन ने अचानक से ही दूध के दामों में 23 रुपये की बढ़ोतरी कर दी है। जिसके कारण यहां दूध की कीमत 120 रुपये प्रति लीटर हो गई है। वहीं खुदरा बाजार में दूध 100 से 180 रुपये प्रति लीटर की दर से बिक रहा है। भारतीय रुपये की तुलना में पाकिस्तानी रुपये का मूल्य आधा है।

पाकिस्तान में टमाटर जैसी सब्जियां भी काफी महंगी हो गई हैं। वहां एक किलो टमाटर के लिए लोग 150 रुपये चुका रहे हैं।

इतना ही नहीं, वहां केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरें बढ़ाकर 10.75 फीसदी कर दी है। बता दें कि पाकिस्ताम में जुलाई से मार्च के दौरान औसत महंगाई साल दर साल के आधार पर 6.97 फीसदी बढ़ी है, जिसको देखते हुए केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरें बढ़ाने का निर्णय लिया था। बीते वित्त वर्ष के दौरान पाकिस्तान सरकार ने सालाना महंगाई दर 6 फीसदी करने का लक्ष्य रखा था, जिसे सरकार पूरा नहीं कर पाई।

ये बात तो निश्चित है कि पुलवामा हमले के बाद से पाकिस्तान आर्थिक रूप से बेहद कमजोर हो गया है। पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में भी काफी कमी आई है और विदेशी कर्ज बढ़ने की समस्या से जूझ रहा है। मौजूदा समय में पाकिस्तान के पास केवल 1027 करोड़ डॉलर है, जो अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक के सुझाए न्यूनतम स्तर से भी कम है।

 

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