भोपाल. मध्य प्रदेश के रीवा स्थित दुनिया के सबसे बड़े अल्ट्रा सोलर पावर प्रोजेक्ट की बिजली से गुरुवार को दिल्ली मेट्रो ने रफ्तार भरी। देश में पहली बार ऐसा हुआ है, जब मेट्रो रेल सेवा का संचालन सौर ऊर्जा से किया गया हो। दिल्ली मेट्रो की वायलेट लाइन पर जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम से केंद्रीय सचिवालय स्टेशन के बीच मेट्रो का परिचालन किया गया।
दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) को रीवा सोलर पावर प्लांट से गुरुवार को 27 मेगावाट ऊर्जा की आपूर्ति की गई। दिल्ली के 371 किमी. लंबे नेटवर्क पर मेट्रो चलाने के लिए 180 से 200 मेगावाट बिजली की जरूरत है। समझौते के तहत मेट्रो को रीवा से कुल 99 मेगावाट सौर ऊर्जा की आपूर्ति होगी, जो अभी 27 मेगावाट से शुरू हुई है।
In a first, Delhi Metro runs on solar power; gets 27 MW power from Rewa project
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— ANI Digital (@ani_digital) April 19, 2019
मेट्रो की 1220 करोड़ रुपए की बचत
फिलहाल, दिल्ली मेट्रो स्टेशन और पार्किंग की छतों पर लगे हुए सोलर पैनल से 28 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रही है। ऐसे में रीवा से आपूर्ति के बाद उसके पास कुल 127 मेगावाट सौर ऊर्जा उपलब्ध होगी। दरअसल, बिजली की लागत और प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली मेट्रो लगातार सौर ऊर्जा के प्रयोग पर जोर दे रही है। इससे दिल्ली मेट्रो को 25 सालों तक 1220 करोड़ रुपए और मप्र को 2086 करोड़ का फायदा होगा।
डीएमआरसी ने तैयार की थी रीवा प्लांट की रूपरेखा
रीवा का सोलर पावर प्लांट दुनिया के सबसे बड़े संयंत्रों में है। इस प्लांट को रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड ने लगाया है। यह भारतीय सौर ऊर्जा निगम (एईसीआई), मध्य प्रदेश सरकार, एमपीपीएमसीएल (मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड) एवं सोलर पावर डेवलपर्स का संयुक्त उपक्रम है।
शुरुआत से ही इस परियोजना की रूपरेखा तैयार करने में डीएमआरसी की अहम भूमिका रही। इस परियोजना में डीएमआरसी सौर ऊर्जा का सबसे बड़ा और पहला खरीदार पार्टनर है। दिल्ली मेट्रो देश की पहला मेट्रो नेटवर्क है, जिसने यह पहल की है। यहां 750 मेगावाट बिजली को उत्पादन होगा, जो अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित 550 मेगावॉट क्षमता की रेगिस्तानी प्रकाश सौर ऊर्जा संयंत्र से अधिक होगा।