श्रीलंकाः श्रीलंका में हुए अब तक के सबसे विध्वंसक सीरियल ब्लास्ट में मरने वालों की संख्या 290 पहुंच गई है. रविवार को ईस्टर के मौके पर चर्च और होटलों समेत कुल 8 सीरियल ब्लास्ट हुए थे. हमले में 450 से अधिक लोग घायल हुए हैं. इसमें कई की हालत गंभीर है. इस बीच, श्रीलंका पुलिस को कोलंबो के मुख्य बस स्टैंड पर 87 बम डेटोनेटर्स मिले हैं. श्रीलंकाई राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने सोमवार आधी रात से पूरे देश में इमरजेंसी लागू करने का ऐलान कर दिया है.
सीरियल ब्लास्ट की जांच कर रही श्रीलंकाई पुलिस अब तक 24 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. इधर सोमवार सुबह कोलंबो एयरपोर्ट के पास एक और बम बरामद हुआ है. इसे सुरक्षाबलों ने समय रहते डिफ्यूज कर दिया. हमले में 4 भारतीयों की भी मौत हुई है. रविवार रात तक मृतकों की संख्या 215 थी.
हमले के बाद अफवाहों से बचने के लिए एहतियातन पूरे देश में सोशल मीडिया पर रोक लगा दी गई है. वहीं शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक पूरे देश में कर्फ्यू लगाया गया था. सुबह 6 बजे कर्फ्यू हटा लिया गया. गृहयुद्ध के बाद बीते 10 सालों से शांत रहने वाला ये द्वीपीय देश रविवार को सीरियल धमाकों से दहल गया. अधिकांश धमाके राजधानी कोलंबो में हुए हैं.
SriLanka has imposed #Emergency under prevention of terrorism Regulations with effect from midnight today.
Government declared tomorrow as a National Day of Mourning in view of yesterday’s bomb attacks.— All India Radio News (@airnewsalerts) April 22, 2019
इस हमले पर भारत भी नजर बनाए हुए है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे से फोन पर बात की और आतंकवादी हमले को क्रूर और सुनियोजित बर्बर आतंकी हमला बताया. पीएम मोदी ने कल ही कह दिया था कि वे भीषण हमला झेलने वाले पड़ोसी मुल्क के साथ मजबूती से खड़े हैं. पीएम मोदी ने श्रीलंका को हरसंभव मदद देने की भी बात कही है. हमले में चार भारतीय, पीएस रजीना, लक्ष्मी, नारायण चंद्रशेखर और रमेश की मौत हुई है. इधर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि पूरे मामले में नजर रखी जा रही है.
श्रीलंकाई पुलिस प्रवक्ता रुवान गुणसेकरा ने कहा कि नेशनल अस्पताल में 66 शव पहुंचे हैं. यहां 260 घायलों का इलाज हो रहा है. वहीं नेगोंबो अस्पताल में 104 शव पहुंचे हैं. वहां करीब 100 घायलों का उपचार हो रहा है. नेशनल अस्पताल के निदेशक अनिल जासिघे ने कहा कि मृतकों में 11 विदेशी नागरिक हैं, जिनमें पोलैंड, डेनमार्क, चीन, जापान, पाकिस्तान, अमेरिका, भारत, मोरक्को और बांग्लादेश के लोग शामिल हैं. 9 लापता और 25 मृतकों की शिनाख्त नहीं हो सकी है. फिलहाल 19 विदेशी नागरिकों का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है.
In the midst of this tragedy, it’s reassuring to see the outpouring of solidarity as people donate blood. Buddhist, Christian, Hindu, Muslim & others are donating because we are humans with the same blood & same spirit of compassion.Nobody can deny our common humanity. #lka
— Mangala Samaraweera (@MangalaLK) April 21, 2019
रविवार सुबह 8.30 बजे कोलंबो स्थित कोच्चिकाडे के सेंट एंथनी चर्च में पहला धमाका हुआ. चर्च में सैकड़ों लोग ईस्टर की प्रार्थना सभा के लिए जमा हुए थे. इसके बाद पांच और शक्तिशाली विस्फोट हुए, जिनके जरिए तीन आलीशान होटलों और यहां से 30 किलोमीटर दूर नेगोम्बो के सेंट सेबेस्तियन चर्च, और कोलंबो से पूर्व 250 किलोमीटर दूर बट्टीकलोवा में स्थित जियॉन चर्च को निशाना बनाया गया.
कुछ घंटे के बाद दोपहर में कोलंबो में दहिवाला चिड़ियाघर से लगे एक रेस्तरां के पास एक और विस्फोट हो गया, जिसमें दो लोग मारे गए. इसके बाद कोलंबो के पड़ोसी देमाटोगोडा में हुए एक अन्य विस्फोट में अतिरिक्त तीन लोग मारे गए. कुल 8 धमाकों में 290 लोगों की मौत की अभी तक खबर है.
अभी तक किसी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है. जांच कर रही पुलिस ने एक संगठन पर शक जताया है. श्रीलंका के पुलिस प्रमुख पुजुथ जयसुंदरा ने 10 दिन पहले अलर्ट जारी किया था कि आत्मघाती हमलावरों ने प्रमुख कैथोलिक चर्चो को निशाना बनाने की साजिश रची है.
श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना ने लोगों से शांति बनाए रखने और विस्फोट की तेजी से जांच के लिए अधिकारियों के साथ सहयोग करने का अनुरोध किया. सिरिसेना ने कहा कि मैं इस घटना से स्तब्ध और दुखी हूं. इन जघन्य कृत्यों के पीछे षड्यंत्रों का पता लगाने के लिए इसकी जांच शुरू कर दी गई है. उन्होंने देशवासियों से शांत रहने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है.