भोपाल: भोपाल से भाजपा प्रत्याशी घोषित होने के बाद बयानों से विवाद में घिरीं साध्वी प्रज्ञा ठाकुर अब चुनाव प्रचार के दौरान बदली हुई नजर आएंगी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने उनके साथ रहने के लिए संगठन से जुड़े पांच लोगों की तैनाती की है। यहीं लोग तय करेंगे कि साध्वी को कब किससे मिलना है और किस मुद्दे पर क्या बयान देना है।
प्रज्ञा भारती के प्रत्याशी घोषित होने के बाद से ही पूरे देश की राजनीति गर्माई हुई है। प्रत्याशी घोषित होने के बाद प्रज्ञा ठाकुर द्वारा दिए गए बयान के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं में असहजता की स्थिति बन गई थी। शहीद हेमंत करकरे पर दिए गए बयान के बाद शनिवार रात प्रज्ञा ने अयोध्या में विवादित ढांचा तोड़ने की बात कह दी। इतना ही नहीं उन्होंने अयोध्या में भव्य निर्माण की बात भी की कही।
शिवराज ने दी सीख
बयानों पर बवाल मचने के बाद रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रज्ञा ठाकुर के साथ लंबी बातचीत की। शिवराज सिंह ने प्रज्ञा को राजनीतिक मर्यादाओं के बारे में तो बताया ही साथ ही उनके द्वारा दिए जा रहे बयानों के नफा-नुकसान के बारे में बताया। इसकी बानगी सोमवार को देखने को भी मिली जब प्रज्ञा अपना नामांकन दाखिल करने पहुंची तो उन्होंने मीडिया से कोई बात नहीं की।
प्रज्ञा की टीम बदली
शनिवार रात से राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ने प्रज्ञा भारती की टीम बदल दी है। पहले उनकी टीम में विश्व हिंदू परिषद से जुड़े कार्यकर्ता हमेशा उनके साथ रहते थे। नई टीम में तीन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता और दो भाजपा से जुड़े वरिष्ठ लोगों को रखा गया है। इसके अलावा भोपाल से वर्तमान सांसद आलोक संजर चुनाव प्रचार के दौरान हमेशा उनके साथ रहेंगे। आलोक संजर की अनुपस्थिति में ये जिम्मेदारी पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता संभालेंगे।
नोटिस का दिया जवाब
हेमंत करकरे पर विवादित बयान देने के मामले में साध्वी प्रज्ञा ने रविवार को निर्वाचन आयोग को अपना जवाब दे दिया। उन्होंने कहा है कि मैंने अपने बयान में किसी शहीद की शहादत का अपमान नहीं किया है। मैंने केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा जो यातनाएं दी गईं, सिर्फ उसका उल्लेख किया। भाजपा जिला अध्यक्ष विकास विरानी ने भी इस मामले में जवाब दाखिल कर दिया है।