नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी की अवमानना याचिका पर सुनवाई की। राहुल गांधी ने कल सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर के ‘चौकीदार चोर है’ वाले बयान पर खेद जताया था। लेकिन, सर्वोच्च न्यायालय राहुल गांधी के जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ और उसने कांग्रेस अध्यक्ष को दोबारा नोटिस जारी किया। शीर्ष अदालत अब इस मामले में 30 अप्रैल को सुनवाई करेगी।
Petition of BJP MP Meenakshi Lekhi against Rahul Gandhi matter: Supreme Court issued notice to Rahul Gandhi after not being satisfied with his response. Next hearing on April 30 pic.twitter.com/AWHPN5M9Fh
— ANI (@ANI) April 23, 2019
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से पैरवी कर रहे वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने भाजपा नेताओं पर इस मामले में राजनीति करने का आरोप लगाया। साथ ही राहुल गांधी के हलफनामे में उन नेताओं के बयानों के दिए ब्योरे की ओर भी अदालत का ध्यान आकर्षित किया। दलीलों के दौरान जब राहुल के वकील सिंघवी ने कहा कि कोर्ट ने उनसे केवल स्पष्टीकरण मांगा था जो दिया जा चुका है। इस पर सीजेआई ने कहा कि यदि आप कह रहे हैं कि नोटिस नहीं जारी हुआ तो अब हम नोटिस जारी कर रहे हैं। इसके साथ ही अदालत ने राहुल को नोटिस जारी कर दिया।
इसी के साथ कोर्ट ने राहुल की तरफ से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी की उस अपील को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने राहुल के खिलाफ दायर याचिका रद्द करने की मांग की थी। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि हमें लगता है कि याचिका पर राहुल को नोटिस जारी किया जा सकता है। उन्होंने रजिस्ट्रार को सुनवाई मंगलवार को रखने के निर्देश दिए।
दूसरी ओर, याचिकाकर्ता मीनाक्षी लेखी के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि राहुल ने अपनी सफाई में कहा है कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का आदेश देखे बिना ही पत्रकारों से ऐसा कह दिया था। उन्होंने यह भी माना है कि शीर्ष अदालत के आदेश में ऐसा नहीं था। राहुल गांधी ने अपने जवाब में दिए गए बयान पर जिस तरह से खेद जताया है, उसे माफी मांगना नहीं कहा जा सकता है।
बता दें कि राफेल डील पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों केंद्र सरकार को तगड़ा झटका दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सरकार की आपत्तियों को खारिज कर दिया था। साथ ही अदालत ने पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए राफेल डील से संबंधित तीन दस्तावेजों को सबूत के तौर पर स्वीकार करने की अनुमति प्रदान कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट इन दस्तावेजों के आधार पर पुनर्विचार याचिका पर आगे की सुनवाई करेगा।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के आने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने राफेल मामले में कांग्रेस के ‘चौकीदार चोर है’ के आरोप पर मुहर लगा दी है। इसके बाद भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देकर राहुल गांधी के बयान को अदालत की अवमानना बताया था। इसके बाद सर्वोच्च न्यायालय ने इस याचिका पर कांग्रेस अध्यक्ष से जवाब मांगा था।
चुनावी घमासान के बीच राहुल गांधी ने कल सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर की गई अपनी टिप्पणी के लिए खेद जताया था। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा था कि उन्होंने आवेश में आकर यह बयान दिया था, जिसे विरोधी खेमे की ओर से गलत ढंग से प्रचारित किया गया। उनका इरादा शीर्ष अदालत की साख को कमजोर करने का नहीं था। सुप्रीम कोर्ट ने अब इस मामले को भी राफेल की पुनर्विचार याचिका के साथ अगले मंगलवार को सुनवाई के लिए लगाने का निर्देश दिया है।