जापान की एक अदालत ने निसान मोटर्स के पूर्व चेयरमैन कार्लोस घोसन को 45 लाख डॉलर (31 करोड़ रुपये) में जमानत दी है। घोसन को कथित तौर पर वित्तीय कानूनों का उल्लंघन करने पर 19 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद वे जमानत पर बाहर आए, लेकिन फिर चार अप्रैल को गिरफ्तार कर लिए गए। जापानी मीडिया के अनुसार तब घोसन को उनके घर से गिरफ्तार किया गया था। घोसन पर भरोसा तोड़कर माहौल बिगाड़ने का आरोप था।
AFP news agency: Japan court grants $4.5m bail to former Nissan CEO, Carlos Ghosn who was arrested in Tokyo on 19 November for allegedly violating financial laws. (file pic) pic.twitter.com/JHho7JxpMK
— ANI (@ANI) April 25, 2019
उन्हें 19 नवंबर, 2018 को गिरफ्तार किया गया था। फिर उन्हें 6 मार्च, 2019 को जमानत मिली। नए आरोपों में घोसन ने 2016 से 2018 के दौरान 4 अरब येन (3.4 करोड़ डॉलर) आय कम करके दिखाई थी। उनपर नवंबर में भ्रष्टाचार,कंपनी के पैसे का निजी इस्तेमाल का भी आरोप लगा था। हालांकि घोसन सभी आरोपों को खारिज कर चुके हैं।
जापानी कानून के अनुसार, किसी आरोपी को अलग-अलग आरोपों के लिए कई बार गिरफ्तार किया जा सकता है। यह अभियोजकों को लंबे समय तक उससे पूछताछ करने की अनुमति देता है। हालांकि, दुनियाभर में इस प्रणाली की आलोचना होती है।
एक अमेरिकी मीडिया के अनुसार दूसरी बार गिरफ्तारी के बाद घोसन ने अपने प्रवक्ता के जरिए कहा था कि यह निसान कंपनी के कुछ लोगों की अभियोजकों को गुमराह कर उन्हें चुप कराने की कोशिश है। उन्होंने कहा था कि उनके खिलाफ लगे सभी आरोप गलत हैं। वह निर्देष हैं और हार नहीं मानेंगे।
इससे पहले उन्होंने ट्विटर पर कहा था कि वह अगले हफ्ते प्रेस कॉन्फ्रेंस में सच्चाई बताएंगे। बता दें वो घोसन ही थे जिन्होंने 20 साल पहले निसान कंपनी को दिवालिया होने से बचाया था।