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राजस्थान में देखा गया धूमकेतु थैचर पृथ्वी के नजदीक से गुजरा

जोधपुर (राजस्थान). लिरिड्स मेटियोर शॉवर नामक खगोलीय घटना के तहत 22-23 अप्रैल और 23-24 की मध्यरात्रि आसमान में उल्का पिंडों की बारिश हुई। आतिशबाजी से इस अद्भुत नजारे को भास्कर ने वेबसाइट timeanddate.com और मोबाइल एप SkyView Lite की मदद से ट्रैस कर कैमरे में कैप्चर किया। धूमकेतु थैचर के पृथ्वी के नजदीक से गुजरने की वजह से इन दोनों रात 1 से 4 बजे के बीच हर घंटे 20 उल्का पिंड गिरे। इस खगोलीय घटना को जोधपुर के पास कुछ वक्त के लिए देखा गया।

यह घटना धूमकेतु C/1861 G1 थैचर के पृथ्वी के नजदीक से गुजरने के दौरान घर्षण की वजह से हुई। इस साल ऐसी 10 घटनाएं होंगी, जिन्हें अलग-अलग नाम दिए गए हैं। लिरिड्स, 4 जनवरी को हुई क्वाडरेंटाइड के बाद दूसरी घटना है। अब 5-6 मई की मध्यरात 1 से 4 बजे के बीच एटा एक्वारिड्स मेटियोर शॉवर नामक ऐसी ही खगोलीय घटना होगी।

यह खगोलीय घटना शहर से दूर अंधेरे और शांत इलाकों में आसानी से देखी जा सकती थी, इसलिए 9 मील से माणकलाव के रास्ते का चयन किया गया। ये पिंड आसमान में पूर्वोत्तर दिशा में Vega (चमकदार सितारा) के पास से बरसने वाले थे।

पहले रात 1 बजे 9 मील में एप SkyView Lite से Vega को ट्रैस किया। फिर timeanddate.com से विजिबिलिटी जांची, जो खराब दिख रही थी। माणकलाव पहुंचने पर विजिबिलिटी अच्छी मिली। यहां पूर्वोत्तर दिशा में उल्का पिंड गिरते साफ दिखाई दिए। कई क्लिक करने पर कुछ में गिरते उल्का पिंड कैप्चर करने में सफलता मिली।

 

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