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रेप केस में नारायण साईं दोषी करार, 30 अप्रैल को होगा सजा का ऐलान

सूरत : गुजरात के सूरत स्थित आश्रम में दो बहनों से दुष्कर्म के मामले में निचली अदालत ने शुक्रवार को आसाराम के बेटे नारायण साईं को दोषी करार दिया। सजा 30 अप्रैल को सुनाई जा सकती है। मामला 11 साल पुराना है। नारायण और आसाराम के खिलाफ सूरत की दो बहनों ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था। पुलिस ने पीड़ित बहनों के बयान और सबूतों के आधार पर केस दर्ज किया था।

पत्‍नी जानकी ने भी लगाए थे आरोप
नारायण साई की पत्नी जानकी ने भी अपने पति और ससुर आसाराम पर प्रताड़ना के आरोप लगाए थे। उन्होंने इंदौर के खजराना पुलिस थाने में 19 सितंबर 2015 को शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें कहा था कि 22 मई 1997 को उसकी शादी नारायण हरपलानी (नारायण साईं का असली नाम) से हुई थी। इसके बाद नारायण ने उसके सामने ही कई महिलाओं से नाजायज संबंध कायम किए, जिससे उसे मानसिक प्रताड़ना सहना पड़ी। साथ ही उसे पत्नी मानने से भी इंकार कर दिया था। नाबालिग से दुष्कर्म के केस में आसाराम को 2013 में इंदौर के आश्रम से गिरफ्तार किया गया था।

दूसरी शादी से नाजायज संतान
जानकी ने आरोप लगाया था कि मेरे पति ने हमेशा धर्म के नाम पर ढोंग किया है। नारायण ने अपने आश्रम की एक साधिका से अवैध संबंध बनाए, जब यह साधिका गर्भवती हो गई तो उसने मुझसे कहा कि वह दूसरी शादी करना चाहता है। जानकी ने आरोप लगाया था कि नारायण साईं ने उससे तलाक लिए बगैर ही उस साधिका से राजस्थान में शादी कर ली और उस महिला से नारायण की एक संतान भी है।

इस केस में नारायण साईं पिछले चार साल से सूरत की जेल में है। आज इस केस में नारायण साईं की सूरत कोर्ट में पेशी है। नारायण साईं पर भी आस्था और दैवीय शक्ति के नाम पर भोली भाली लड़कियों के शोषण का आरोप है। आरोप है कि झांसा देकर ये लड़कियों को अपना शिकार बनाता था। नारायण साईं तंत्रमंत्र और वशीकरण के जरिए आश्रम की लड़कियों को फंसाता था।

इतना ही नहीं, वो लड़कियों को हेलीकोप्टर की सैर कराता था। झूठे वादे कर अपने माया जाल में जकड़ लेता था और विरोध करने पर प्रताड़ित करता था। बताया जाता है कि नारायण साईं के खिलाफ आवाज उठाने वालों पर न सिर्फ जानलेवा हमले किए जाते थे बल्कि कई लोगों को रास्ते से साफ कर दिया गया। सबसे बड़ा आरोप ये लग रहा है कि नारायण साईं अपने पिता के हर गुनाहों का न सिर्फ राजदार है बल्कि हिस्सेदार भी है।

2013 में जोधपुर रेप केस में आसाराम की गिरफ्तारी के दो महीने बाद सूरत की दो बहनों ने आसाराम और उसके बेटे नारायण साईं पर रेप का आरोप लगाया था। बड़ी बहन की शिकायत के मुताबिक, आसाराम ने 2001 से 2006 के बीच कई बार उसका यौन शोषण किया जबकि छोटी बहन ने नारायण साईं पर रेप का आरोप लगाया। रेप केस दर्ज होने के बाद दिसंबर 2013 में नारायण साईं को गिरफ्तार किया गया।

एफ़आईआर के मुताबिक़ छोटी बहन 2002 से 2004 तक आश्रम में साधक रहीं। छोटी बहन को थोड़े समय के लिए आसाराम के हिम्मतनगर आश्रम की संचालिका भी बनाया गया था। दोनों बहनों का आरोप है कि जब उन्होंने ख़ुद पर होने वाले अत्याचार का विरोध किया, तो उन्हें परेशान किया गया और बाद में आश्रम में चोरी का झूठा आरोप लगाकर निकाल दिया गया।

2013 में सूरत पुलिस ने पूछताछ के दौरान पीड़ित को नारायण साईं के सामने बिठाया था तब उसने अपने गुनाह कबूल किए थे। जिस तरह के संगीन आरोप पर आसाराम को उम्रकैद की सजा मिली है वैसे ही खतरनाक आरोप उसके बेटे नारायण साईं पर भी हैं। आसाराम को तो सजा मिल गई है अब नारायण साईं दोषी करार, 30 अप्रैल को होगा सजा का ऐलान।

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