इंदौर : स्वच्छता में तीन बार नंबर एक शहर इंदौर अब दूसरे शहरों को भी सफाई के हुनर सिखाएगा। इसके लिए बाकायदा फीस ली जाएगी। नगर निगम इसके लिए कंसल्टेंसी सर्विस शुरू करने जा रहा है।अब दूसरे शहर इंदौर से अपने प्रोजेक्ट, प्लानिंग और वर्किंग पर सलाह ले सकेंगे। निगम ने इसके लिए प्रारंभिक ड्राफ्ट तैयार कर लिया है, जिसे वह केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय को भेजेगा।
निगम आयुक्त आशीष सिंह ने बताया कि इंदौर दूसरे शहरों को बताएगा कि वे कैसे रैंकिंग में आगे बढ़ सकते हैं। हम यह भी बताएंगे कि कचरा ट्रांसफर स्टेशन, बायोमेथेनेशन प्लांट, ट्रेंचिंग ग्राउंड, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट पर हमने क्या और कैसे काम किया। इसकी डॉक्यूमेंट्री तैयार की जा रही है।
शहर की आबादी की हिसाब से होगी फीस
आशीष सिंह के बताया, “हम जो शुल्क लेंगे, उससे हमारे सिस्टम को और अपग्रेड करेंगे। यह राशि एक लाख से कम आबादी वाले शहर के लिए 5 लाख तक, एक से दस लाख आबादी वाले शहर के लिए 15 से 20 लाख और 10 लाख से ज्यादा आबादी के लिए 50 लाख तक होगी।”
“केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय से अनुमति के बाद ही हम इसे ऑनलाइन करेंगे। इसके बाद कोई भी शहर आवेदन कर सकेगा।”
इस बार फिर 4 हजार अंकों का सर्वे, 3 बार आएगी टीम
2017 में जो सर्वे 4 हजार अंक का था वह 2018 में 5 हजार का हो गया था। इस बार यह अंक फिर से 4 हजार ही होंगे। पिछले साल टीम जनवरी में आई थी। इस बार टीम तीन बार आएगी।
केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 के लिए ड्राफ्ट जारी कर दिया है। इस बार टीम सिर्फ दिसंबर-जनवरी में एक बार नहीं आएगी। सर्वे अप्रैल 2019 से जनवरी 2020 तक के लिए होगा। पहला सर्वे अप्रैल से जून 2019 के बीच होगा। दूसरा सर्वे जुलाई से सितंबर और तीसरा सर्वे अक्टूबर से जनवरी के बीच होगा।
पिछले साल जहां फोकस होम कम्पोस्ट, ओडीएफ डबल प्लस और सेवन स्टार रैंकिंग पर था। वहीं, इस बार ईपीआर (एक्सटेंडेंड प्रोड्यूसर रिस्पांसबिलिटी) पर है। इसमें कैसे अपने ही प्रोडक्ट को रि-यूज या डिस्पोज ऑफ करेंगे, वह बताना होगा।
इस साल के सर्वे में सीएसआर एक्टिविटी पर भी फोकस है। इंदौर नगर निगम ने इसके लिए इस बार 2 से 5 करोड़ का टारगेट रखा है।